हालांकि, आप कितना लोन ले सकते हैं यह आपकी सैलरी, क्रेडिट हिस्ट्री और फाइनेंशियल लायबिलिटी सहित कई फैक्टर पर निर्भर करता है.
80,000 रुपये की मंथली सैलरी पर आप मनीकंट्रोल ऐप के जरिए आसानी से पर्सनल लोन ले सकते हैं. ये प्रोसेस 100% पेपरलेस है. यहां आप 8 लेंडर्स से 50 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं. इसके लिए आपको बस KYC प्रोसेस पूरा करना होगा और EMI रीपेमेंट प्लान सेट अप करना होगा.
सूची
टॉप बैंकों/ NBFCs से ₹50 लाख तक का इंस्टेंट लोन पाएं, वो भी बिना किसी कागजी प्रक्रिया के !
100% डिजिटल
तुंरत अकाउंट ट्रांसफर
कम ब्याज़ दर
80,000 रुपये की सैलरी के लिए लोन अमाउंट
80,000 रुपये की सैलरी पर मिलने वाले लोन अमाउंट को तय करते समय लेंडर्स दो खास मेथड की मदद लेते हैं:
- मल्टीप्लायर मेथड: बैंक आमतौर पर आपकी मंथली इनकम के मल्टीपिल के आधार पर लोन अमाउंट कैलकुलेट करते हैं. यह मल्टीप्लायर अलग-अलग लेंडर्स के लिए अलग-अलग होता है, जो आमतौर पर आपकी मंथली सैलरी का 12 से 24 गुना तक होता है. जैसे 80,000 रुपये की सैलरी पर, आप लेंडर्स की पॉलिसी और आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल के आधार पर 9.6 लाख से 19.2 लाख रुपये तक के लोन के लिए एलिजिबल हो सकते हैं.
- EMI-टू-इनकम रेश्यो: EMI-टू-इनकम रेश्यो आपकी टोटल मंथली EMI की तुलना आपकी मंथली इनकम से करता है. लेंडर्स के अनुसार, यह रेश्यो आपकी मंथली इनकम का लगभग 40-50% (अधिकतम) होना चाहिए. उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी मौजूदा कुल EMI लायबिलिटी 40,000 रुपये से ज्यादा हैं, तो आपको बड़ा लोन अमाउंट मिलना मुश्किल हो सकता है. कम डेट-टू-इनकम रेश्यो पर बड़े अमाउंट का लोन मिलना आसान होता है.
80,000 रुपये की सैलरी पर लोन एलिजिबिलिटी तय करने वाले फैक्टर
- उम्र: ज्यादातर लेंडर्स एप्लीकेंट की उम्र 21 से 60 साल के बीच चाहते हैं.
- इनकम और जॉब स्टेबिलिटी: 80,000 रुपये की सैलरी पर लोन मिलना आसान होता है. इसके अलावा, लेंडर्स जॉब की स्टेबिलिटी और आपके एक्सपीरियंस को भी देखते हैं. लेंडर्स एक कंपनी में लंबे समय तक काम करने वालों को तवज्जो देते हैं.
- क्रेडिट स्कोर: आपका क्रेडिट स्कोर लोन अप्रूवल प्रोसेस में सबसे अहम फैक्टर्स में से एक है. 750 या उससे ज्यादा का स्कोर होने पर बेहतर लोन शर्तों, जैसे कम ब्याज दर और ज्यादा अमाउंट मिलने की संभावना बढ़ जाती है.
- इनकम प्रूफ: आपकी इनकम को वेरीफाई करने के लिए, लेंडर्स को पिछले 6 महीनों की सैलरी स्लिप और बैंक स्टेटमेंट और साथ ही टैक्स रिटर्न जैसे सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है. ये डॉक्यूमेंट लेंडर्स को यह कन्फर्म करने में मदद करते हैं कि आपकी इनकम स्टेबल है और लोन रीपेमेंट को हैंडल करने के लिए काफी है.
- मौजूदा फाइनेंशियल लायबिलिटी: लेंडर्स आपकी मौजूदा लोन लायबिलिटी चेक करते हैं, जिसमें क्रेडिट कार्ड बिल, पर्सनल लोन और दूसरे फाइनेंशियल कमिटमेंट शामिल होते हैं. हाई डेट-टू-इनकम रेश्यो टोटल लोन अमाउंट को कम कर सकता है.
- लोन टेन्योर: आपका लोन टेन्योर आपकी EMI और जितना ब्याज आप लोन पर चुकाते हैं दोनों पर असर डालता है. लंबा टेन्योर आपके EMI के बोझ को तो कम करता है लेकिन इस दौरान ब्याज ज्यादा देना पड़ता है. छोटे टेन्योर का मतलब है ज्यादा EMI, लेकिन ब्याज कम देना पड़ता है.
- इनकम का दूसरा जरिया: अगर आप फ्रीलांस काम के जरिए, प्रॉपर्टी के किराये या किसी दूसरे सोर्स से एडिशनल इनकम करते है, तो यह आपकी लोन एलिजिबिलिटी को बढ़ा सकता है. लेंडर्स ऐसे एप्लीकेंट को ज्यादा वैल्यू देते हैं, जिनके पास इनकम का दूसरी जरिया भी है, क्योंकि इन लोगों की लोन चुकाने की क्षमता ज्यादा होती है.
पर्सनल लोन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट
- आइडेंटिटी प्रूफ: इसके लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट या वोटर ID दे सकते हैं.
- एड्रेस प्रूफ : इसके लिए बिजली बिल, रेंट एग्रीमेंट या सरकार की ओर से जारी किए गए डॉक्यूमेंट इस्तेमाल कर सकते हैं.
- इनकम प्रूफ: पिछले 6 महीनों की सैलरी स्लिप, पिछले तीन से छह महीनों के बैंक स्टेटमेंट और इनकम टैक्स रिटर्न.
- KYC डॉक्यूमेंट: आधार कार्ड, पैन कार्ड और पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस.
सारांश
क्या आप हर महीने 80,000 रुपये कमाते हैं? जानें कि क्रेडिट स्कोर और जॉब स्टेबिलिटी जैसे फैक्टर्स ऑनलाइन इंस्टेंट पर्सनल लोन के लिए आपकी एलिजिबिलिटी पर कैसे असर डालते हैं और आप कितने लोन अमाउंट के लिए अप्लाई कर सकते हैं.Top बैंकों/ NBFCs से
₹50 लाख
तक का इंस्टेंट लोन पाएं
Disclaimer
यह अंश/लेख किसी बाहरी पार्टनर द्वारा लिखा गया है और मनीकंट्रोल की संपादकीय टीम के काम को प्रतिबिंबित नहीं करता है। इसमें मनीकंट्रोल द्वारा पेश किए गए उत्पादों और सेवाओं के संदर्भ शामिल हो सकते हैं।सूची
Top बैंकों/ NBFCs से
₹50 लाख
तक का इंस्टेंट लोन पाएं