सोना गहनों और निवेश के लिए हमेशा से भारतीयों की पहली पसंद रहा है। अब देश में 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव 1,26,000 रुपये के ऊपर कारोबार कर रहा है। देश में ज्यादातर ज्वैलरी 22 कैरेट में बनाई जाती है क्योंकि ये ज्वैलरी के लिए सबसे सही है। साथ इसकी कीमत 22 कैरेट की तुलना में कम होती है। अब जब से सोने के भाव में रिकॉर्ड तेजी आई है, आम लोग 18 और 14 कैरेट सोने की ज्वैलरी भी खरीद रहे हैं क्योंकि इसकी कीमत 22 कैरेट गोल्ड से कम होती है। तब भी अक्सर लोगों के मन में कन्फ्यूजन होता है कि कितने कैरेट की ज्वैलरी खरीदना सही है?
सोने की शुद्धता को कैरेट (Karat) में मापा जाता है। शुद्ध सोना 24 कैरेट का होता है, यानी इसमें किसी दूसरी मेटल की मिलावट नहीं होती। यही वजह है कि यह बहुत मुलायम होता है और आसानी से मुड़ सकता है। इस कारण 24 कैरेट सोना ज्वेलरी बनाने के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता, बल्कि यह गोल्ड कॉइन, बिस्किट या इन्वेस्टमेंट के लिए सबसे बेहतर विकल्प है।
वहीं, 22 कैरेट सोना भारतीय बाजार में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसमें करीब 91.6% शुद्ध सोना और बाकी 8.4% अन्य मेटलएं जैसे तांबा, चांदी या जिंक मिलाए जाते हैं, जिससे यह ज्यादा मजबूत बनता है। यह हार, झुमके, चूड़ी या मंगलसूत्र जैसी पारंपरिक ज्वेलरी के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। टिकाऊ होने के साथ इसमें अच्छी रीसेल वैल्यू भी मिलती है।
अगर आप डिजाइनर या डायमंड ज्वेलरी लेना चाहते हैं तो 18 कैरेट सोना एक अच्छा विकल्प है। इसमें लगभग 75% शुद्ध सोना होता है और बाकी 25% में दूसरी मेटलएं मिलाई जाती हैं। यह थोड़ा कड़ा और टिकाऊ होता है, इसलिए इसमें स्टोन या हीरे जड़ने वाली डिजाइनर ज्वेलरी बनाई जाती है।
14 कैरेट सोना में शुद्ध सोने की मात्रा करीब 58.5% होती है। यह मजबूत और टिकाऊ तो होता है, लेकिन इसकी चमक और मूल्य 22K या 18K की तुलना में कम होता है। फिर भी, यह डेली वियर ज्वेलरी, जैसे कि अंगूठी, ब्रेसलेट या ईयररिंग्स के लिए अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह आसानी से खराब नहीं होता। एक बात हमेशा याद रखें कि सोना खरीदते वक्त BIS Hallmark जरूर जांचें। यह सरकारी प्रमाणपत्र होता है जो सोने की शुद्धता, कैरेट और ज्वेलर के कोड को वैरिफाई करता है। इससे आप नकली या कम कैरेट के सोने से बच सकते हैं।