PM Vishwakarma Yojana: केंद्र सरकार देश के हर वर्ग के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना शुरू की है। ये योजना देश के पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को फायदा पहुंचा रही है। इस योजना का मकसद है कि लोग अपने हुनर को निखारें, लेटेस्ट तकनीक का इस्तेमाल कर आत्मनिर्भर बनें। सरकार योजना के तहत ऐसे लोगों को ट्रेनिंग, टूलकिट और कम ब्याज पर लोन की सर्विस देती है।
क्या है प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना?
यह योजना खासतौर पर उन लोगों के लिए है जो परंपरागत रूप से हस्तकला, निर्माण या शिल्प के काम में जुड़े हैं। सरकार इन लोगों को ट्रेनिंग, टूलकिट और कम ब्याज पर लोन की सुविधा देती है। ट्रेनिंग के दौरान लाभार्थी को डेली स्टाइपेंड यानी भत्ता दिया जाता है।
ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सरकार 15,000 रुपये तक टूलकिट के लिए दिये जाते हैं। ताकि, कारीगर अपने काम के औजार खरीद सकें। इसके बाद उन्हें दो चरणों में कुल 3 लाख रुपये तक का लोन मिलता है। पहले चरण में 1 लाख रुपये और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक मिल सके। खास बात यह है कि इन लोन पर ब्याज दर सिर्फ 5% रखी गई है, जबकि सामान्य लोन पर यह दर 10-12% तक होती है।
किन लोगों को मिलता है फायदा?
इस योजना के तहत 18 पारंपरिक पेशों से जुड़े कारीगरों को लाभ दिया जाता है। इनमें बढ़ई, सुनार, लोहार, कुम्हार, राजमिस्त्री, मोची, दर्जी, नाई, बुनकर, हथकरघा बुनकर, टोकरी बनाने वाले, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले, चर्मकार, ताला-चाबी बनाने वाले, नाव निर्माता, पत्थर तराशने वाले और खिलौने या सजावटी सामान बनाने वाले शामिल हैं। सरकार का टारगेट है कि ये कारीगर अपने हुनर को आधुनिक तकनीक से जोड़कर न सिर्फ अपनी कमाई बढ़ाएं बल्कि अपने एरिया में रोजगार भी पैदा कर सकें।
कैसे मिलेगा योजना का फायदा?
इस योजना का फायदा उठाने के लिए आवेदक को PM Vishwakarma Portal या नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर आवेदन करना होगा।
आवेदन के बाद पात्रता की जांच होती है, और योग्य उम्मीदवारों को ट्रेनिंग और लोन की सुविधा दी जाती है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का मकसद है कि पारंपरिक कारीगरों को नई तकनीक से जोड़कर लोकल इंडस्ट्री में नौकरी के नए मौके बढ़ाए जाए। अब तक देशभर में हजारों लोग इस स्कीम से जुड़ चुके हैं और अपने हुनर से अच्छी आमदनी कमा रहे हैं।