आम तौर पर 'प्राइवेट ट्रस्ट' का नाम सुनते ही किसी अमीर परिवार का ख्याल आता है। अमीर परिवार अपनी प्रॉपर्टी और एसेट्स की सुरक्षा के लिए प्राइवेट ट्रस्ट बनाते हैं। लेकिन, सच यह है कि प्राइवेट ट्रस्ट बनाने के लिए अमीर होना जरूरी नहीं है। मिडिल क्लास परिवार भी एस्टेट प्लानिंग यानी अपनी संपत्ति के लिए प्राइवेट ट्रस्ट बना सकते हैं। संपत्ति के लिए प्राइवेट ट्रस्ट बनाने के अपने फायदे हैं।
पहले प्राइवेट ट्रस्ट (Private Trust) का मतलब समझना जरूरी है। प्राइवेट ट्रस्ट एक कानूनी व्यवस्था है, जिसके तहत परिवार की संपत्ति एक ट्रस्टी को ट्रांसफर कर दी जाती है। वह ट्रस्टी परिवार के लोगों के लिए उस संपत्ति का प्रबंधन करता है। इस संपत्ति के लाभार्थी (beneficiaries) आम तौर पर आपके बच्चे, पति/पत्नी या आपके मातापिता हो सकते हैं। प्राइवेट ट्रस्ट से व्यक्ति के निधन के बाद भी उसकी संपत्ति का अच्छी तरह से प्रबंधन होता रहता है। यह वसीयत (Will) के मुकाबले ज्यादा इफेक्टिव है।
संपत्ति के ट्रांसफर में मददगार
अगर आपके बच्चे छोटे हैं, बुजुर्ग मातापिता है या स्पेशल जरूरत वाला कोई डिपेंडेंट है तो प्राइवेट ट्रस्ट के जरिए बगैर किसी विवाद या देर के उनकी जरूरतों का ख्याल रखा जा सकता है। वसीयत में जहां संपत्ति का ट्रांसफर प्रोबेट के जरिए होता है, वही प्राइवेट ट्रस्ट के जरिए संपत्ति का ट्रांसफर ज्यादा सीधे तरीके से हो सकता है। अगर आपके बच्चे छोटे हैं इस बात से आप चिंतित हैं तो ट्रस्ट आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। आप फंड की रिलीज के लिए शर्तें तय कर सकते हैं।
क्या आपको ट्रस्ट बनाना चाहिए?
प्राइवेट ट्रस्ट बनाने पर खर्च आता है। इसलिए अगर आपकी फाइनेंशियल लाइफ बिल्कुल आसान है तो ट्रस्ट बनाने का फायदा नहीं है। उदाहरण के लिए अगर आपका एक घर है, कुछ पैसे सेविंग्स के हैं और आपने म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया है, जिसके लिए आपने नॉमिनी बनाया है तो फिर ट्रस्ट बनाने की जरूरत नहीं है। इसकी वजह यह है कि ट्रस्ट बनाने में फीस, डॉक्युमेंटेशन और कंप्लायंस का पालन करना पड़ता है। ज्यादातर मिडिल क्लास फैमिलीज के लिए एक अच्छी वसीयत या अपडेटेड नॉमिनेशन पर्याप्त है।