सरकार जल्द ही ग्रीन हाइड्रोजन नीति (green hydrogen policy) के पहले चरण की घोषणा कर सकती है। हम एक निश्चित जगह में हरे हाइड्रोजन और हरे अमोनिया के साथ ग्रे हाइड्रोजन और ग्रे अमोनिया को लाना चाहते हैं।
सरकार जल्द ही ग्रीन हाइड्रोजन नीति (green hydrogen policy) के पहले चरण की घोषणा कर सकती है। हम एक निश्चित जगह में हरे हाइड्रोजन और हरे अमोनिया के साथ ग्रे हाइड्रोजन और ग्रे अमोनिया को लाना चाहते हैं।
क्या है ग्रीन हाइड्रोजन
ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) एक ऐसा ईंधन होता है, जिसमें कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) जीरो होता है। यानी, उसे कितना भी जलाया जाए, तो उससे पॉल्युशन नहीं होता। भारत इस स्वच्छ ऊर्जा (Clean Energy) के प्रोडक्शन के लिए राष्ट्रीयि ग्रीन हाइड्रोजन मिशन (National Green Hydrogen Mission) की शुरुआत करने जा रहा है।
आज हो सकती है शुरुआत
ऊर्जा और न्यू एनर्जी मंत्री आरके सिंह ने बुधवार को कैबिनेट क्लीयरेंस के बाद कहा कि गुरुवार या उसके अगले दिन ओपन एक्सेस, बैंकिंग और फ्री ट्रांसमिशन की शुरुआत करेंगे।
फंडिंग पर होगा काम
नीति के पहले चरण में ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया के उपयोग के लिए हरित हाइड्रोजन नीति के तहत उत्पादकों के लिए फंडिंग को भी देखना है। सूत्रों ने CNBC-TV18 को बताया कि इन्हें दूसरे चरण में जोड़े जाने की संभावना है। सिंह ने कहा कि रिन्युएबल दायित्वों (renewable purchase obligations) में अब सौर, पवन और जलविद्युत के अलावा बैटरी स्टोरेज शामिल होगा।
सरकार ने रखा है ये टारगेट
मंत्री ने कहा कि सरकार वित्त वर्ष 2013 तक 229 गीगावॉट नवीकरणीय स्थापित क्षमता स्थापित करना चाहती है। यह दावा करते हुए कि सरकार सभी कंपनियों को ग्रीन एनर्जी प्रोडक्शन के लिए मुफ्त ट्रांसमिशन सुविधाएं प्रदान करेगी। सिंह ने कहा कि सरकार चाहती है कि हर उद्योग रिन्युबल ऊर्जा क्षमता स्थापित करे।
साल 2021 में की शुरुआत
सरकार ने ऊर्जा स्रोत के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग करने के लिए एक रोड मैप तैयार करने के लिए 2021 में राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू किया। इस पहल में ट्रांसपोर्ट को बदलने की क्षमता है।
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