त्रिची में पिछले महीने प्रणव ज्वेलर्स ने अपने 7 स्टोर बंद कर दिए। कंपनी ने इसी साल जनवरी में इनवेस्टमेंट स्कीम शुरू की थी। इसमें 5 लाख रुपये निवेश करने पर 2 फीसदी इंटरेस्ट के साथ 10 महीने बाद 106 ग्राम सोना देने का वादा किया गया था। स्कीम के 10 महीने पूरे होने के दो हफ्ते पहले ज्वेलर ने ग्राहकों के फोन उठाने बंद कर दिए। इससे ग्राहकों में डर बढ़ने लगा, क्योंकि पुरानी ज्वेलरी के बदले बगैर किसी चार्ज एक साल के अंदर नई ज्वेलरी लेने की स्कीम भी कुछ समय पहले आई थी। लोगों को जब नई ज्वैलरी नहीं मिली तो मामला पुलिस में पहुंचा था। ज्वेलर बदल जाते हैं लेकिन स्कीम पुरानी होती है। इस बार धनतेरस से ठीक पहले ग्राहकों को लगे बड़े झटके ने 2019 के Goodwin Jewelers के घोटाले की याद ताजा कर दी।
हर साल होते हैं गोल्ड सेविंग्स स्कीम में घोटाले
2019 में निवेशकों ने एक गोल्ड सेविंग्स प्लान में धोखा खाने के बाद इकोनॉमिक ऑफेंसेज विंग में रसिकलाल संकलचंद ज्वेलर्स के खिलाफ शिकायत की थी। फरवरी 2022 में मुंबई के कल्याण स्थित एस कुमार गोल्ड एंड डायमंड्स के श्रीकुमार पिल्लई लापता हो गए। इससे पहले उन्होंने गोल्ड सेविंग्स स्कीम में 1.56 करोड़ रुपये निवेशकों से लिए थे। इस स्कीम में निवेशकों को 15-18 फीसदी इंटरेस्ट देने का दावा किया गया था। मुंबई के वीजीएन ज्वेलर्स का नाम भी ऐसे ज्वेलर्स की सूची में शामिल हैं, जो गोल्ड सेविंग्स स्कीम में किए गए वादे पूरे नहीं कर सके।
शिकायत के लिए कोई प्रभावी संस्था नहीं
अगर किसी के साथ बैंक से जुड़ा फ्रॉड होता है तो वह RBI में शिकायत कर सकता है। इंश्योरेंस कंपनियों के खिलाफ शिकायत IRDAI में की जा सकती है। स्टॉक्स से जुड़ी शिकायत SEBI में की जा सकती है। लेकिन, गोल्ड सेविंग्स स्कीम चलाने वाले ज्वेलर्स की शिकायत कहां करनी है, यह निवेशकों को पता नहीं। मनीकंट्रोल ने जब इस बारे में ज्वेलरी काउंसिल से बात की तो उन्होंने ऐसे मामलों में कुछ भी करने से इनकार कर दिया। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वेलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन सैयम मेहरा ने कहा, "हमें ज्वेलर्स या कंज्यूमर्स या कोर्ट से किसी तरह की शिकायत नहीं मिली है। हमें ज्वेलर्स की तरफ से पेंडिंग पेमेंट का कुछ पता नहीं है। जब तक हमें शिकायत नहीं मिल जाती हम कुछ नहीं कर सकते।"
गोल्ड लोन स्कीम में निवेश में बरतें सावधानी
ज्वेलर्स के गोल्ड सेविंग्स स्कीम शुरू करने के बाद निवेशकों को चूना लगाने की कई शिकायतों के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की तरफ से सिर्फ एक गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें कहां गया है कि कोई ज्वेलर अपने नेटवर्थ के 25 फीसदी ज्यादा पैसा गोल्ड सेविंग्स स्कीम या एडवान्स पर्चेज स्कीम में नहीं ले सकता। इसके बावजूद ज्वेलर्स इस तरह की स्कीमें लॉन्च करते हैं। उसके बाद वे निवेशकों का पैसा लेकर गायब हो जाते हैं। अपनी गाढ़ी कमाई ऐसी स्कीम में निवेश करने वाले लोगों के पास पछताने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं रह जाता।