Explained: छोटा घर खरीदकर भी पूरा कर सकते हैं बड़े घर का सपना, समझिए प्रॉपर्टी लैडरिंग का पूरा हिसाब
Property Laddering Explained: छोटा घर खरीदकर धीरे-धीरे बड़े घर तक पहुंचने की योजना को ‘प्रॉपर्टी लैडरिंग’ कहते हैं। यह रणनीति आपको छोटे निवेश से शुरुआत कर, सही जगह और समय पर प्रॉपर्टी बेचकर बेहतर संपत्ति हासिल करने में मदद कर सकती है।
आप चाहे पहली बार प्रॉपर्टी खरीद रहें या दूसरी बार, ‘सही प्रॉपर्टी’ चुनना बहुत जरूरी होता है।
Property Laddering Explained: अपना घर होने से बड़ी कोई और खुशी नहीं हो सकती। अपना खुद का बड़ा घर खरीदना बहुत से लोगों का सपना होता है। लेकिन अक्सर घर खरीदने का विचार आपको कई तरह के संदेह में डाल देता है। प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतें, होम लोन पर उंची ब्याज दर और अन्य फाइनेंशियल मुश्किलों के चलते अक्सर इस सपने को साकार करना बहुत मुश्किल होता है।
हालांकि इन सब मुश्किलों के बीच आपको अपने इस सपने को टालने या भूल जाने की जरूरत नहीं है। आप छोटी-छोटी योजनाओं जैसे ‘प्रॉपर्टी लैडरिंग’ को अपनाकर अपने चुने हुए शहर या महानगर में भी अपनी पसंद का बड़ा घर खरीद सकते हैं।
किस तरह की अपनानी होगी निवेश रणनीति?
प्रॉपर्टी लैडरिंग की कॉन्सेप्ट आमतौर पर कारगर होती है, लेकिन अक्सर बहुत कम लोग इसके बारे में जानते हैं। इसके तहत आपको टियर-2 या टियर-3 शहरों में निवेश करना होता है। दूर-दराज के इलाकों या धीमी गति से विकसित होने वाले शहरों में कई सालों तक प्रॉपर्टी की कीमतें स्थिर बनी रहती हैं। वहीं, महानगरों के नजदीक, तेजी से विकसित होते शहरों और कमर्शियल जोन में कीमतें तेजी से बढ़ती हैं।
उदाहरण के लिए लुधियाना, अंबाला, ग्रेटर नोएडा, पोवाई, राजकोट या वड़ोदरा जैसे शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं, और निवेशकों को अपने निवेश पर बहुत अच्छा रिटर्न मिला है।
आइडिया एकदम आसान है, आज रियल एस्टेट में छोटा-छोटा निवेश कर आप आने वाले कल में बड़ा घर खरीदने का सपना साकार कर सकते हैं। आप किसी छोटे और उभरते क्षेत्र में छोटी प्रॉपर्टी से शुरूआत करें। इसे कुछ सालों के लिए रखें, कीमतें बढ़ जाने पर इसे बेच दें। इसके बाद इसी पैसे को बड़ी और अधिक कीमत की प्रॉपर्टी में लगाएं। कई परिवारों ने इसी तरह धीरे-धीरे अच्छे असेट्स बना लिए हैं।
विकसित होते शहरों में आबादी बढ़ने के साथ मांग बढ़ती है, जिससे कुछ ही सालों में प्रॉपर्टी की कीमतें दोगुना हो जाती हैं। उदाहरण के लिए आप 35 लाख रुपये में एक घर खरीदते हैं, वह कुछ सालों के बाद 60-65 लाख रुपये का हो जाता है। इस तरह आपको बहुत अच्छा रिटर्न मिलता है। कुल मिलाकर प्रॉपर्टी लैडरिंग रियल एस्टेट में आगे बढ़ने का अच्छा तरीका है। और आप छोटे निवेश के साथ शुरूआत कर बड़ी प्रॉपर्टी बना सकते हैं।
प्रॉपर्टी लैडरिंग क्या होती है और कैसे काम करती है?
अब मान लीजिए आपके पास एक विकसित होते शहर में अपनी प्रॉपर्टी है, जिससे अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है। आप महानगर में 1 करोड़ रुपये में एक नई प्रॉपर्टी बुक करते हैं, बैंक आमतौर पर 75-80 फीसदी लोन दे देता है। ऐसे में आप आप 75 फीसदी लोन का विकल्प चुनते हैं। यानी आपने रु 25 लाख डाउन पेमेंट दी और अब आपको 75 लाख रुपये किस्त में चुकाने हैं।
जब आप 20 फीसदी यानी लगभग 15 लाख रुपये दे चुके हों तब अपनी छोटी प्रॉपर्टी को बेच दें, और अपना लोन चुका दें। मान लीजिए आपने 65-70 रुपये लाख चुका दिया, तो आपको 5-10 रुपये लाख का मुनाफा होगा।
इसके अलावा आप अपनी पुरानी प्रॉपर्टी को बेच कर सीधे 1 करोड़ रुपये के नए घर में निवेश कर सकते हैं। इस स्थिति में मान लीजिए आपने 25 लाख रुपये अपनी बचत से दिया और बाकी 15 लाख रुपये का छोटा लोन ले लिया। इस तरह आप पर लोन का बोझ कम हो जाएगा और आप जल्दी लोन चुका सकेंगे।
साथ ही इनकम टैक्स एक्ट 1961 के सेक्शन 54 के तहत आप रेजिडेन्शियल प्रॉपर्टी बेचने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर भी छूट पा सकते हैं। इस तरह पुरानी प्रॉपर्टी बेच कर नई प्रॉपर्टी खरीदना और भी फायदेमंद साबित होता है।
हमेशा सही प्रॉपर्टी खरीदने पर ध्यान दें
आप चाहे पहली बार प्रॉपर्टी खरीद रहें या दूसरी बार, ‘सही प्रॉपर्टी’ चुनना बहुत जरूरी होता है। सही प्रॉपर्टी चुनने से आपकी फाइनेंशियल हेल्थ बेहतर बनती है। याद रखें आप स्मार्ट और सही फैसले लेकर बड़ा घर खरीदने का सपना साकार कर सकते हैं।
आपको हमेशा बड़े सपने देखने चाहिए और इन्हें साकार करने की कोशिश करनी चाहिए। आप स्मार्ट और सही फैसले लेकर ही अपने सपने साकार कर सकते हैं।
(मनीकंट्रोल हिंदी के लिए यह आर्टिकल अतुल मांगा ने लिखा है, जो बेसिक होम लोन के सीईओ और को-फाउंडर हैं)