गुरुग्राम में प्रॉपर्टी के दाम बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में वहां खुद का घर लेने का सपना भला कैसे पूरा हो। हाल ही में सामने आया है कि गुरुग्राम के एक लग्जरी अपार्टमेंट की कीमत 75 करोड़ रुपये है। सोशल मीडिया पर यह बात सामने आते ही यूजर्स के कमेंट आने शुरू हो गए। यहां तक कि यह भी कह दिया गया कि इससे सस्ता तो विदेश में घर खरीदना है।
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अभिनव कुकरेजा नामक एक यूजर ने एक पोस्ट डाली। इस पोस्ट ने गुरुग्राम में लग्जरी अपार्टमेंट्स की आसमान छूती कीमतों को लेकर ऑनलाइन चर्चा को जन्म दे दिया है। कुकरेजा ने DLF के लेटेस्ट हाई-एंड प्रोजेक्ट की तस्वीरें शेयर कीं, जिसमें प्राइवेट थिएटर, गेम रूम और स्पा फैसिलिटीज जैसी असाधारण सुविधाओं को दर्शाया गया है। हालांकि, सोशल मीडिया यूजर्स के लिए सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि इस डेवलपमेंट में सबसे छोटी हाउसिंग यूनिट की शुरुआती कीमत 75 करोड़ रुपये थी।
9,500 वर्ग फीट का है सबसे छोटा अपार्टमेंट
अपनी पोस्ट में कुकरेजा ने लिखा कि विश्वास नहीं होता कि यह सब गुरुग्राम में बना दिया है। उन्होंने ऑफर की गई लग्जरी और उससे जुड़ी लागतों का जिक्र किया। पोस्ट में लिखा, 'इस प्रोजेक्ट में सबसे छोटा अपार्टमेंट 9,500 वर्ग फीट में फैला है, जिसकी अनुमानित कीमत 80,000 रुपये प्रति वर्ग फीट है। इस तरह सबसे छोटी यूनिट की शुरुआती कीमत 75 करोड़ रुपये (लगभग 90 लाख डॉलर) हो जाती है।
'गुरुग्राम में है अपार्टमेंट या बुर्ज खलीफा में'
इस पोस्ट ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की लहर पैदा कर दी। कुछ यूजर्स को यकीन ही नहीं हो रहा कि गुरुग्राम में अपार्टमेंट्स की कीमत इतने हाई तक चली गई है। यूजर्स ने दुनिया के कुछ सबसे प्रतिष्ठित शहरों में संपत्ति की कीमतों से भी तुलना की। एक यूजर ने लिखा, "आप इटली में इसी कीमत पर बेहतर सुविधाओं के साथ एक शानदार व्यू पा सकते हैं"। एक दूसरे यूजर ने कहा, "75 करोड़ रुपये गुरुग्राम में अपार्टमेंट के लिए हैं या बुर्ज खलीफा में अपार्टमेंट के लिए।"
10 करोड़ में मैनहट्टन या लॉस एंजिल्स में मिल जाएगा घर
अन्य लोगों ने भी इसी तरह की चिंताएं जताईं। यूजर्स ने बताया कि 12 लाख डॉलर या करीब 10 करोड़ रुपये में कोई मैनहट्टन में टाइम्स स्क्वायर के पास एक अपार्टमेंट या लॉस एंजिल्स में एक घर खरीद सकता है। एक यूजर ने लग्जरी प्रोजेक्ट को लेकर कमेंट किया, 'घर खरीदना तो छोड़िए, मुझे लगता है कि यहां के ज्यादातर लोगों को इसके मंथली मेंटेनेंस का खर्च उठाना मुश्किल होगा।'