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बीते 5 सालों में नोएडा, ग्रेटर नोएडा में प्रॉपर्टी के प्राइस हुए डबल, एयरपोर्ट शुरू होने से और बढ़ेंगी कीमतें

Noida Property: नोएडा और ग्रेटर नोएडा तेजी से भारत के प्रमुख रियल एस्टेट केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं। इसकी मुख्य वजहें हैं नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण, कानून-व्यवस्था में सुधार, आईटी कंपनियों और नामी बिल्डरों का आना, राज्य सरकार की इन्वेस्टर्स फ्रेंडली नीतियां और रुकी हुई रेजिडेंशियल परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के प्रयास

अपडेटेड Nov 12, 2024 पर 3:52 PM
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Noida Property: नोएडा और ग्रेटर नोएडा तेजी से भारत के प्रमुख रियल एस्टेट केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं।

Noida Property: नोएडा और ग्रेटर नोएडा तेजी से भारत के प्रमुख रियल एस्टेट केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं। इसकी मुख्य वजहें हैं नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण, कानून-व्यवस्था में सुधार, आईटी कंपनियों और नामी बिल्डरों का आना, राज्य सरकार की इन्वेस्टर्स फ्रेंडली नीतियां और रुकी हुई रेजिडेंशियल परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के प्रयास। इन सभी कारणों से इन शहरों में एसेट्स की मांग और कीमतों में तेज बढ़ोतरी हुई है।

रियल एस्टेट डाटा एनालिटिक्स फर्म प्रॉपइक्विटी की रिपोर्ट के अनुसार 2019 से 2024 के बीच नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी की कीमतों में क्रमशः 152% और 121% की बढ़ोतरी हुई। 2019 में नोएडा में औसत लॉन्च कीमत ₹5910 प्रति वर्ग फुट थी, जो सितंबर 2024 में बढ़कर ₹14,946 प्रति वर्ग फुट हो गई। वहीं, ग्रेटर नोएडा में यह ₹3900 से बढ़कर ₹8,601 प्रति वर्ग फुट हो गई।

बढ़ी मांग और निवेशकों की रुचि


नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के निर्माण की शुरुआत 2020-21 के दौरान हुई, जब भारतीय अर्थव्यवस्था में रियल एस्टेट में निवेश में बढ़ोतरी देखी गई। इस पीरियड में नोएडा और ग्रेटर नोएडा की प्रॉपर्टी मार्केट में निवेशकों और NRI खरीदारों की रुचि बढ़ी है। एम3एम नोएडा के निदेशक यश गर्ग ने कहा कि यह एरिया की प्रभावशाली बढ़ोतरी को दर्शाता है और इसे निवेश के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करता है। आने वाले बुनियादी ढांचा परियोजनाएं, जैसे जेवर एयरपोर्ट इस एरिया की अपील को और बढ़ाएंगी और इसे एनसीआर के भीतर एक मजबूत रियल एस्टेट मार्केट के रूप में स्थापित करेंगी।

महंगे निर्माण और लैंड की कमी

निर्माण की बढ़ती लागत और भूमि की कमी भी कीमतों में बढ़ोतरी का कारण बन रही है। छोटे और मध्यम एयरपोर्ट्स की तरह रेजिडेंशियल और वाणिज्यिक परियोजनाओं की मांग में तेजी आई है।

भविष्य की संभावनाएं

नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रेजिडेंशियल और वाणिज्यिक परियोजनाओं के लॉन्च और सेल के आंकड़े उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं। 2019 से सितंबर 2024 के बीच नोएडा में 31,072 यूनिट्स लॉन्च हुईं, जबकि 45,466 यूनिट्स की बिक्री हुई। ग्रेटर नोएडा में यह आंकड़ा क्रमशः 54,782 और 1,09,666 यूनिट्स रहा।

निवेशकों की बढ़ती भागीदारी

VS रियलटर्स के सीईओ विजय हर्ष झा ने बताया कि नोएडा ने पारंपरिक रूप से एक एंड-यूजर मार्केट के रूप में काम किया है, लेकिन ₹10,000 प्रति वर्ग फुट की कीमत पार करना निवेशकों की भागीदारी को दर्शाता है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा अब भारत के प्रमुख रियल एस्टेट केंद्रों में शुमार हो गए हैं, जो निवेशकों और खरीदारों के लिए बड़े अवसर दे रहे हैं।

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