हाई राइज लग्जरी अपार्टमेंट्स का हब बन रही है दिल्ली, दिसंबर तिमाही में ऐसे फ्लैट्स की सेल्स 25% बढ़ी

राजधानी दिल्ली के कई पॉश इलाके अब हाई राइज लग्जरी अपार्टमेंट्स का हब बनते जा रहे हैं। साउथ दिल्ली और वेस्ट दिल्ली जैसे इलाके अब डीएलएफ (DLF), टीएआरसी (TARC) और गोदरेज जैसी रियल्टी कंपनियों का पसंदीदा ठिकाना बन रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरों की बढ़ती मांग, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट और हाई एंड हाउसिंग पर बढ़ते फोकस के मद्देनजर नई दिल्ली का रियल एस्टेट मार्केट 2024 में देश के प्रॉपर्टी मार्केट का अहम ठिकाना बन गया

अपडेटेड Jan 02, 2025 पर 6:53 PM
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पिछले 4-5 साल में दिल्ली में लग्जरी हाई राइज रेजिडेंशियल अपार्टमेंट्स की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।

राजधानी दिल्ली के कई पॉश इलाके अब हाई राइज लग्जरी अपार्टमेंट्स का हब बनते जा रहे हैं। साउथ दिल्ली और वेस्ट दिल्ली जैसे इलाके अब डीएलएफ (DLF), टीएआरसी (TARC) और गोदरेज जैसी रियल्टी कंपनियों का पसंदीदा ठिकाना बन रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि घरों की बढ़ती मांग, मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट और हाई एंड हाउसिंग पर बढ़ते फोकस के मद्देनजर नई दिल्ली का रियल एस्टेट मार्केट 2024 में देश के प्रॉपर्टी मार्केट का अहम ठिकाना बन गया।

प्रॉपइक्विटी डेटा के मुताबिक, अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही के दौरान दिल्ली के रियल एस्टेट मार्केट में सालाना आधार पर 25 पर्सेंट की ग्रोथ हुई, जबकि इसी अवधि में ट्रांजैक्शन 10,354 यूनिट्स से बढ़कर 12,925 यूनिट्स रहा। साथ ही, अक्टूबर-दिसंबर 2024 में नए फ्लैट्स की सप्लाई में 59 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई और यह आंकड़ा 11,223 यूनिट्स रहा, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह आंकड़ा 7,072 यूनिट था।

यह ग्रोथ प्रॉपर्टी की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी की तरफ भी इशारा करती है। सितंबर 2024 में हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (HPI) की बात करें, तो इस लिहाज से दिल्ली-एनसीआर का मार्केट सबसे आगे रहा और यह इंडेक्स 178 तक पहुंच गया। हाउसिंग प्राइस इंडेक्स ऐसा मेट्रिक है, जो रिहायशी प्रॉपर्टीज की कीमतों में बदलाव के दर का आकलन करता है।


हाई राइज अपार्टमेंट्स ने पकड़ी रफ्तार

पिछले 4-5 साल में दिल्ली में लग्जरी हाई राइज रेजिडेंशियल अपार्टमेंट्स की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। लग्जरी फ्लैट्स की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए डीएलएफ, गोदरेज, TARC, रहेजा, यूनिटी और पार्श्वनाथ जैसे डिवेलपर्स ने हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च किए हैं, जिससे दिल्ली में अपार्टमेंट्स का तौर-तरीका बदल रहा है, जहां पारंपरिक तौर पर कम मंजिल वाले फ्लैट्स थे।

रियल एस्टेट एक्सपर्ट्स का कहना है कि लैंड पॉलिसी में बदलाव की वजह से राजधानी के हाई-राइज कल्चर को बढ़ावा मिलेगा। उनके मुताबिक, राजधानी में घरों की बढ़ती जरूरतों और जमीन की भारी किल्लत को देखते हुए दिल्ली का मास्टर प्लान 2013 में बदला गया था। दिल्ली डिवेलपमेंट अथॉरिटी (DDA) और केंद्र सरकार ने ऊंचाई संबंधी नियमों में ढील देने का फैसला किया था, जिस वजह से डिवेलपर्स को दिल्ली में काफी ऊंची रिहायशी परियोजनाओं पर काम करने की अनुमति मिली। डीएलएफ ने सबसे पहले दिल्ली के मोती नगर में 2008-09 में 39 मंजिल ऊंची इमारत कैपिटल ग्रीन्स लॉन्च की थी।

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