रियल एस्टेट में निवेश के जरिये गोल्डन वीजा हासिल करने को तवज्जो दे रहे हैं अमीर भारतीय

भारत के अमीर लोगों के बीच विदेशी ठिकानों पर रियल एस्टेट में निवेश का ट्रेंड बढ़ रहा है। ये लोग दुनिया भर के अलग-अलग शहरों में अपार्टमेंट खरीद रहे हैं। उदाहरण के लिए हम लंदन की बात करते हैं। यहां बड़ी संख्या में भारतीय लोगों ने प्रॉपर्टी खरीद रखी है। हालांकि, ब्रिटेन ने हाल में अपना गोल्डन वीजा प्रोग्राम रद्द कर दिया है। सेकेंड रेजिडेंसी, इनवेस्टमेंट माइग्रेशन और रेजिडेंसी बाय इनवेस्टमेंट किसी देश में परमानेंट रेजिडेंसी या नागरिकता हासिल करने का एक तरीका है

अपडेटेड Nov 26, 2024 पर 8:25 PM
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निवेश के जरिये रेजिडेंसी का कॉन्सेप्ट दुनिया भर में 2008-09 के वित्तीय संकट के बाद 2011-12 में आया।

भारत के अमीर लोगों के बीच विदेशी ठिकानों पर रियल एस्टेट में निवेश का ट्रेंड बढ़ रहा है। ये लोग दुनिया भर के अलग-अलग शहरों में अपार्टमेंट खरीद रहे हैं। उदाहरण के लिए हम लंदन की बात करते हैं। यहां बड़ी संख्या में भारतीय लोगों ने प्रॉपर्टी खरीद रखी है। हालांकि, ब्रिटेन ने हाल में अपना गोल्डन वीजा प्रोग्राम रद्द कर दिया है। इसके बावजूद ग्लोबल ऐक्सेस की इच्छा, एसेट डायवर्सिफिकेशन, बेहतर लाइफस्टाइल, भविष्य की पीढ़ियों के लिए रणनीतिक निवेश आदि वजहों से उन लोगों के लिए विदेशी रियल एस्टेट में निवेश आकर्षक विकल्प बनता जा रहा है, जो सेकेंड रेजिडेंसी चाहते हैं।

सेकेंड रेजिडेंसी, इनवेस्टमेंट माइग्रेशन और रेजिडेंसी बाय इनवेस्टमेंट किसी देश में परमानेंट रेजिडेंसी या नागरिकता हासिल करने का एक तरीका है। ये 'गोल्डन वीजा' अमीर लोगों को रेजिडेंसी राइट्स 'खरीदने' का अवसर मुहैया कराते हैं। दुनिया भर के अलग-अलग देशों में सेकेंड रेजिडेंसी हासिल करने के कई तरीके हैं, मसलन निवेश या लोकल बिजनेस शुरू कर रोजगार के अवसर पैदा करना आदि। हालांकि, रियल इनवेस्टमेंट रूट भारतीय लोगों की पहली पसंद है।

टॉप ठिकाने कौन-कौन से हैं?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, भारतीयों के लिए रियल एस्टेट निवेश के टॉप ठिकानों में ग्रीस, तुर्की, कैरेबियाई देश, माल्टा और स्पेन शामिल हैं। उनका यह भी कहना है कि निवेश के जरिये गोल्डन वीजा हासिल करने में यूरोप का माल्टा टॉप पसंद बनकर उभरा है। इनवेस्टमेंट सेवाओं के जरिये ग्लोबल रेजिडेंसी और सिटिजनशिप मुहैया कराने में क्लाइंट्स की मदद करने वाली इकाई RIF ट्रस्ट, इंडिया में रीजनल डायरेक्टर बीनू वर्गीज ने बताया, ' निवेशकों के लिए यह काफी आसान है और ऐसे लोगों के लिए काफी आसान विकल्प मुहैया कराता है, जो बिजनेस के जरिये आगे बढ़ना चाहते हैं। साथ ही, यह अन्य यूरोपीय प्रोग्राम के उलट यह सीधे तौर पर परमानेंट रेजिडेंसी है। माल्टा में परमानेंट रेजिडेंसी प्रोग्राम की सुविधा भी है और यहां भाषा की भी दिक्कत नहीं है।'


दूसरा घर क्यों?

निवेश के जरिये रेजिडेंसी का कॉन्सेप्ट दुनिया भर में 2008-09 के वित्तीय संकट के बाद 2011-12 में आया। जहां भारत के नागरिकों या भारतीय मूल के लोगों का सवाल है, तो निवेश के जरिये रेजिडेंसी का प्रचलन कोविड-10 के डेल्टा दौर के बाद देखने को मिला। उस दौरान कई ऐसे हाई नेट वर्थ इंडिविजुअल्स (HNIs) थे, जो परिवार के सदस्यों या दोस्तों के पास भी नहीं जा सकते थे। ऐसे में उन्हें प्लान बी या दूसरे घर के विकल्प की जरूरत थी।

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