Sovereign Gold Bonds: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) 2017-18 सीरीज-IX के अंतिम रिडेम्पशन प्राइस का ऐलान कर दिया है। यह बॉन्ड 27 नवंबर 2025 को अपने अंतिम रिडेम्पशन पर पहुंच रहा है। इसमें निवेशकों को करीब 329% का प्राइस-गेन मिल रहा है।
यह फायदा सिर्फ सोने की कीमतों में आई जोरदार तेजी को दिखाता है। इसमें स्कीम के तहत मिलने वाला 2.5% सालाना ब्याज शामिल नहीं है, जो हर छह महीने में दिया जाता है।
2017 में कितने में जारी हुआ था बॉन्ड
यह बॉन्ड 27 नवंबर 2017 को जारी किया गया था। वित्त मंत्रालय के मुताबिक, इसका इश्यू प्राइस 2,964 रुपये प्रति ग्राम था। ऑनलाइन डिस्काउंट लागू होने के बाद खरीदारों के लिए यह कीमत 2,914 रुपये प्रति ग्राम थी।
अब अंतिम रिडेम्पशन के लिए 12,484 रुपये प्रति यूनिट का मूल्य तय किया गया है। यह दर इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) द्वारा जारी 999 प्योरिटी वाले सोने के पिछले तीन कारोबारी दिनों के औसत क्लोजिंग प्राइस के आधार पर निर्धारित की गई है।
निवेशकों को भुगतान कैसे मिलेगा
SGB को निवेशक फिजिकल या डीमैट, दोनों फॉर्म में होल्ड कर सकते हैं। रिडेम्पशन की रकम स्कीम के नियमों के अनुसार सीधे निवेशक के बैंक खाते या उनके डिमेट अकाउंट से लिंक बैंक खाते में ट्रांसफर हो जाती है। भुगतान की प्रक्रिया पूरी तरह ऑटोमैटिक होती है, जिसमें निवेशक को कोई अतिरिक्त कदम नहीं उठाना पड़ता।
SGB स्कीम क्यों शुरू की गई थी
सरकार ने इस स्कीम को इसलिए शुरू किया ताकि लोगों को सोने में निवेश का सुरक्षित विकल्प मिल सके, जिसमें फिजिकल गोल्ड रखने के जोखिम शामिल न हों।
SGB में निवेश करने पर निवेशक को सोने की कीमत बढ़ने का लाभ मिलता है, साथ ही 2.5% का सालाना ब्याज भी मिलता है। स्कीम का मकसद सोने की फिजिकल डिमांड को कम करना और निवेश को वित्तीय स्वरूप में बढ़ावा देना है।
सरकार ने अब तक कितना सोना जुटाया
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के मुताबिक, सरकार ने 31 मार्च 2025 तक कुल 67 किस्तों के जरिए 146.96 टन सोना जुटाया है, जिसकी कीमत लगभग 72,275 करोड़ रुपये है।
15 जून 2025 तक निवेशक लगभग 18.81 टन SGB पहले ही रिडीम कर चुके हैं। इससे पता चलता है कि निवेशक इस स्कीम का बड़े पैमाने पर लाभ ले रहे हैं।