करीब चार साल से होम लोन का इंटरेस्ट रेट बहुत कम बना हुआ था। यह 15 साल में सबसे कम लेवल पर पहुंच गया था। होम लोन के ग्राहकों ने इसका खूब फायदा उठाया। लेकिन, अब स्थिति बदल रही है। RBI ने इंटरेस्ट रेट बढ़ाना शुरू कर दिया है। पहले 4 मई को इंटरेस्ट रेट (Repo Rate) 0.40 फीसदी बढ़ाया गया। फिर 8 जून को RBI ने रेपो रेट 0.50 फीसदी बढ़ा दिया। इससे रेपो रेट बढ़कर 4.9 फीसदी हो गया है।
बैंकों ने होम लोन का इंटरेस्ट रेट (Interest Rate) बढ़ाना शुरू कर दिया है। अगर आपका होम लोन रेट अभी 7.05 फीसदी है तो यह बढ़कर 7.55 फीसदी हो जाएगा। 1 अक्टूबर, 2019 के बाद मंजूर किए गए सभी रिटेल फ्लोटिंग-रेट लोन एक एक्सटर्नल बेंचमार्क से लिंक्ड हैं। ज्यादातार बैंकों का एक्सटर्नल बेंचमार्क रेपो रेट है। इसलिए बैंकों का लोन के इंटरेस्ट रेट में वृद्धि करना तय है।
अगर आप अपनी EMI बढ़ने से चिंतित हैं तो आपके लिए कुछ ऑप्शंस हैं। आम तौर पर इंटरेस्ट रेट बढ़ने पर बैंक EMI बढ़ाने की जगह लोन की अवधि बढ़ा देते हैं। हालांकि, वे ऐसा तभी करते हैं जब ग्राहक की रिटायरमेंट करीब नहीं होती है। यह ग्राहकों के लिए भी अच्छा है, क्योंकि उननकी EMI नहीं बढ़ती है। हालांकि, इसमें लोन पर चुकाया जाने वाला कुल इंटरेस्ट अमाउंट बढ़ जाता है।
अगर आप लोन पर इंटरेस्ट अमाउंट में बढ़ोतरी नहीं चाहते हैं तो आपके लिए एक ऑप्शंस है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आप बैंक से लोन की अवधि बढ़ाने की जगह EMI बढ़ाने को कह सकते हैं। लोन कंसल्टेंसी फर्म मॉर्टगेजवर्ल्ड डॉट इन के फाउंडर और सीईओ विपुल पटेल ने कहा, "EMI को बढ़ाना एक अच्छा ऑप्शन है।"
ट्रू-वर्थ फिनसल्टेंट्स के फाउंडर और फाइनेंशियल प्लानर तिवेश शाह ने कहा, "20 साल की अवधि वाले 75 लाख रुपये को होम लोन पर आपकी EMI 2,269 रुपये बढ़ जाएगी। इससे लोन की आपकी अवधि नहीं बढ़ेगी।" आप चाहें तो होम लोन के बाकी अमाउंट को जल्द खत्म करने के लिए आप EMI को बढ़ा भी सकते हैं।
अगर आपके पास थोड़ा अतिरिक्त पैसा है तो आप ज्यादा EMI चुकाने के साथ ही लोन का प्री-पेमेंट भी कर सकते हैं। ऐसे कई ग्राहक हैं जो लोन तो 20 साल के लिए लेते हैं लेकिन उसे 5-7 साल में चुका देते हैं। ऐसा करना बहुत मुश्किल नहीं है। इसके लिए आप हर साल सैलरी बढ़ने पर अपनी EMI बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा आपके पास जो अतिरिक्त अमाउंट है, उसका इस्तेमाल आप होम लोन के प्री-पेमेंट के लिए कर सकते हैं।
हालांकि, इस बार 34 दिन के अंदर इंटरेस्ट रेट 0.90 फीसदी बढ़ गया है। इसलिए बहुत कम अमाउंट का प्री-पेमेंट बहुत फायदेमंद साबित नहीं होगा। अगर आप प्री-पेमेंट करना चाहते हैं तो आपको बड़े अमाउंट का इस्तेमाल करना होगा। विपुल पटेल ने कहा, " 25 साल की अवधि के 1 करोड़ लोन के होम लोन पर इंटरेस्ट रेट में 0.50 फीसदी वृद्धि के असर को न्यूट्रल करने के लिए आपको करीब 4.38 लाख रुपये प्री-पेमेंट करना होगा। अगर आप चाहते हैं कि आपकी EMI और लोन की अवधि 4 मई से पहले जैसी हो तो आपको 7.82 लाख रुपये का प्री-पेमेंट करना होगा।"
हर साल मिलने वाले बोनस और ऐसे दूसरे अमाउंट का इस्तेमाल करने के अलावा आप कम रिटर्न वाले अपने इनवेस्टमेंट से भी पैसे निकाल सकते हैं। ट्रेडिशनल एंडॉमेंट पॉलिसी इसका उदाहरण है, जिसमें आपको सिर्फ 5-6 फीसदी सालाना रिटर्न मिलता है। दूसरा उदाहरण बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट हो सकता है।
होम लोन पर इंटरेस्ट रेट में कमी लाने के लिए आपके पास दूसरे बैंक में अपना होम लोन ट्रांसफर कराने का भी ऑप्शन है। हालांकि, ऐसा करने से पहले आपको दूसरे लोन के इंटरेस्ट रेट के बारे में अच्छी तरह से जान लेना होगा। इसकी वजह यह है कि अब ज्यादातर बैंक होम लोन के एक्सटर्नल बेंचमार्क के रूप में रेपो रेट का इस्तेमाल करते हैं। इससे एक बैंक के होम लोन का इंटरेस्ट रेट बढ़ने पर दूसरे बैंक का इंटरेस्ट रेट भी बढ़ जाता है।