RBI ने घटाई रेपो रेट...घर लेने का सुनहरा मौका! रेपो रेट में कटौती के बाद जानिए किन बैंकों के होम लोन रेट सबसे कम ?

रेपो रेट में कटौती के बाद कई बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने होम लोन की ब्याज दरें घटा दी हैं, जिससे नए और पुराने दोनों तरह के होम लोन लेने वालों के लिए EMI सस्ती होने का मौका बना है। घर खरीदने से पहले अलग‑अलग बैंकों की नई ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस और शर्तों की तुलना करना जरूरी है, क्योंकि छोटी सी रेट कट भी लंबे समय में लाखों रुपये की बचत करा सकती है।

अपडेटेड Dec 10, 2025 पर 7:37 PM
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रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों के होम लोन पर सीधा असर दिखने लगा है और अब नए होमबायर्स के लिए कर्ज पहले के मुकाबले थोड़ा सस्ता होता दिख रहा है। हाल में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट घटाया, जिसके बाद ज्यादातर बैंकों ने अपनी होम लोन ब्याज दरों में कमी की है और अब ग्राहक के लिए अलग–अलग बैंकों की दरों की तुलना करना और भी जरूरी हो गया है।

नई दिल्ली. अगर आप घर खरीदने की सोच रहे हैं या चल रहे होम लोन को कम ब्याज पर ट्रांसफर करना चाहते हैं, तो यह समय आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। रेपो रेट कट के बाद कई बड़े सरकारी और प्राइवेट बैंकों ने अपनी EBLR / RLLR / MCLR आधारित होम लोन दरों में कुछ बेसिस पॉइंट तक की कटौती की है। इससे नई लोन दरें पहले से कम हो गई हैं, हालांकि कितना फायदा मिलेगा यह आपकी प्रोफाइल, क्रेडिट स्कोर और बैंकों की पॉलिसी पर निर्भर करेगा। आमतौर पर 750–800 से ऊपर का क्रेडिट स्कोर रखने वाले ग्राहकों को सबसे कम दर ऑफर की जाती है।

कई बैंक अब शुरुआती होम लोन ब्याज दरें लगभग 7–8 फीसदी के दायरे में ऑफर कर रहे हैं, लेकिन यह सभी के लिए समान नहीं होती। सैलरीड, सेल्फ–एम्प्लॉयड, महिला बोर्रोअर या सरकारी कर्मचारी – इन सभी के लिए बैंक अलग–अलग प्राइसिंग रखते हैं। इसी तरह, फ्लोटिंग रेट लोन और फिक्स्ड रेट होम लोन की दरों में भी फर्क रहता है। फ्लोटिंग रेट लोन में रेपो रेट बदलने पर EMI या अवधि में बदलाव होता रहता है, जबकि फिक्स्ड रेट में कुछ समय के लिए किस्त तय रहती है।


एक ही रकम और टेन्योर पर, ब्याज दर में मामूली कमी भी लंबे समय में बड़ा अंतर पैदा करती है। उदाहरण के तौर पर यदि 30 लाख रुपये के 20 साल के होम लोन पर ब्याज दर 0.25% घटती है, तो पूरी अवधि में कुल ब्याज में लाखों रुपये तक की बचत हो सकती है या फिर EMI समान रखकर आप अपना टेन्योर कुछ महीने कम करा सकते हैं। इसलिए सिर्फ EMI देखकर फैसला लेने के बजाय, कुल ब्याज बोझ और अवधि दोनों का हिसाब लगाना जरूरी है।

एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि नया होम लोन लेने से पहले कम से कम 4–5 प्रमुख बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों की ब्याज दर, प्रोसेसिंग फीस, प्रीपेमेंट चार्ज, और अन्य छिपी शर्तों की तुलना जरूर करें। अगर आपका मौजूदा लोन ऊंची दर पर चल रहा है, तो बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प भी देख सकते हैं, बशर्ते बचत, ट्रांसफर की लागत से ज्यादा हो। सही बैंक, सही ब्याज दर और साफ–सुथरी शर्तें चुनकर आप अपने सपनों के घर का लोन आसान और किफायती बना सकते हैं।

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