FD पर ज्यादा मिलेगा इंटरेस्ट या बढ़ जाएगी कार या होम लोन EMI? गुरुवार को चलेगा पता

RBI MPC Meeting August 2024: क्या गुरुवार को होम या कार लोन की EMI कम होगी? या FD पर मिलने वाला ब्याज बढ़ेगा? दरअसल, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली MPC की बैठक 6 से 8 अगस्त को होने वाली है। RBI की बैठक में इंटरेस्ट रेट पर चर्चा होगी। गुरुवार 8 अगस्त को शक्तिकांत दास रेट्स का ऐलान करेंगे

अपडेटेड Aug 05, 2024 पर 6:19 PM
Story continues below Advertisement
RBI MPC Meeting August 2024: क्या गुरुवार को होम या कार लोन की EMI कम होगी?

RBI MPC Meeting August 2024: क्या गुरुवार को होम या कार लोन की EMI कम होगी? या FD पर मिलने वाला ब्याज बढ़ेगा? दरअसल, रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली MPC की बैठक 6 से 8 अगस्त को होने वाली है। RBI की बैठक में इंटरेस्ट रेट पर चर्चा होगी। गुरुवार 8 अगस्त को शक्तिकांत दास रेट्स का ऐलान करेंगे। एक्सपर्ट का मानना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) गुरुवार को प्रमुख ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा। RBI रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर ही रखने वाला है।

US फेड ने नहीं किया इंटरेस्ट रेट में बदलाव

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने फिलहाल अपनी ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया है। हालांकि, संकेत दिया है कि आने वाले महीनों में मौद्रिक नीति में ढील दी जा सकती है। एक्सपर्ट का मानना है कि लगातार मुद्रास्फीति के दबाव के बीच आरबीआई ब्याज दर पर अपना रुख बदलने से पहले अमेरिकी मौद्रिक नीति पर नजर रखेगा, जिसमें फरवरी 2023 से कोई बदलाव नहीं किया है।


क्या RBI रेपो रेट कम करेगा?

मौद्रिक नीति समिति (MPC) 6.5 प्रतिशत की बढ़ी हुई ब्याज दर (रेपो दर) के बावजूद दरों में कटौती से बच सकती है क्योंकि आर्थिक विकास में तेजी आ रही है। केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था और तब से उसने अपनी पिछली सात द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षाओं में दर को उसी स्तर पर बनाए रखा है।

ब्याज दरों में बदलाव की उम्मीद कम

बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि हमें उम्मीद है कि आरबीआई आगामी क्रेडिट नीति में यथास्थिति अपनाएगा। मुद्रास्फीति आज भी 5.1 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी हुई है और आने वाले महीनों में संख्यात्मक रूप से इसमें कमी आएगी। उन्होंने आगे कहा कि विकास स्थिर पथ पर है जिसका मतलब है कि मौजूदा ब्याज दर की स्थिति कारोबार के खिलाफ नहीं है।

रेपो रेट बढ़ने या घटने का क्या होता है असर?

रेपो रेट के आधार पर बैंकों एफडी और लोन की ब्याज दरें तय होती है। एफडी की ब्याज दरें और रेपो रेट लगभग साथ साथ चलती है। जब रेपो रेट बढ़ता है तो आमतौर पर एफडी पर ब्याज दरें भी बढ़ जाती हैं। इसी तरह जब केंद्रीय बैंक रेपो रेट में कटौती करता है, तो एफडी की दरें भी कम हो जाती हैं। ज्यादातर एक्सपर्ट का मानना है कि ब्याज दरों में बदलाव की उम्मदी कम है। रेपो रेट 6.50 फीसदी पर रह सकती है।

Bank Holiday: क्या बुधवार 7 अगस्त को बंद रहेंगे बैंक? चेक करें क्या कहती है RBI की छुट्टियों

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Aug 05, 2024 6:19 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।