RBI MPC: त्योहारी सीजन से पहले RBI देगा तोहफा! क्या ब्याज दरों में फिर होगी कटौती?

RBI MPC: RBI अगस्त MPC में फिर से रेपो रेट घटा सकता है। SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय फेस्टिव सीजन से पहले ब्याज दर घटाकर कर्ज की मांग को बढ़ावा दे सकता है। जानिए पूरी डिटेल।

अपडेटेड Aug 03, 2025 पर 2:45 PM
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RBI MPC: फेस्टिव सीजन से पहले ब्याज दरों में कटौती डिमांड को बड़ा बूस्ट दे सकती है।

RBI MPC: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) इस महीने यानी अगस्त में होने वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में रेपो रेट में एक बार फिर कटौती कर सकता है। देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की रिसर्च रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है। SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंक 25 बेसिस प्वाइंट (bps) की कटौती कर सकता है। इससे होम, कार और पर्सनल लोन लोन लेने वाले ग्राहकों को राहत मिल सकती है। इससे फेस्टिव सीजन से पहले लोन की मांग को भी बल मिलेगा।

RBI ने इससे पहले जून की मौद्रिक नीति में रेपो रेट को 50 बेसिस प्वाइंट घटाकर 5.50 फीसदी कर दिया था। फरवरी और अप्रैल की पिछली बैठकों में भी रेपो रेट में 25-25 bps की कटौती की जा चुकी है।

क्रेडिट ग्रोथ को मिलेगा बूस्ट


SBI की रिपोर्ट के अनुसार, अगर अगस्त में भी दरों में कटौती होती है, तो यह वित्त वर्ष 2025-26 के त्योहारी सीजन की शुरुआत से पहले क्रेडिट ग्रोथ को बड़ा समर्थन दे सकती है। ऐतिहासिक आंकड़े बताते हैं कि जब भी फेस्टिव सीजन से पहले ब्याज दरों में कटौती की गई है, तो बाजार में कर्ज की मांग में तेज उछाल देखने को मिला है।

नीति निर्माताओं को आगाह किया 

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय बैंकों को 'बैकलोडिंग' से बचना चाहिए यानी बहुत देर से नीतिगत बदलाव करना, जिससे सरकारात्मक प्रभाव का मौका चूक जाए। रिपोर्ट के मुताबिक, टाइप II गलती तब होती है जब महंगाई को अस्थायी मानकर दरों में कटौती नहीं की जाती, जबकि असल में मुद्रास्फीति लगातार कम बनी रहती है और आर्थिक गतिविधियां सुस्त रहती हैं।

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नई CPI सीरीज से मिलेगी मदद

SBI रिसर्च के अनुसार, ई-कॉमर्स को अधिक और खाद्य वस्तुओं को कम वेटेज देने वाली नई कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) सीरीज की वजह से औसत खुदरा महंगाई दर (CPI Inflation) वित्त वर्ष 2026-27 में भी 4 फीसदी से नीचे रह सकती है। इससे रिजर्व बैंक को ब्याज दरों में और कटौती का स्पेस मिल सकता है।

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रियल एस्टेट सेक्टर की उम्मीदें

साया ग्रुप के एमडी विकास भसीन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि आरबीआई अगले एमपीसी मीटिंग में 25–50 बेसिस प्वाइंट की और कटौती करेगा। इस साल 100 बेसिस प्वाइंट की कटौती से होम लोन की दरें पहले ही काफी कम हो चुकी हैं। अगली कटौती से लोन और सस्ते होंगे और खरीदारों की लोन पात्रता बढ़ेगी। इससे किफायती से लेकर लग्जरी सभी सेगमेंट में घरों की मांग को बढ़ावा मिलेगा।

Signature Global (India) Ltd. के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा कि महंगाई RBI के लक्ष्य से नीचे है, इसलिए लगातार चौथी बार 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गुंजाइश है। इससे रेपो रेट में सालभर में 125 bps की कमी हो जाएगी, जिससे होम लोन सस्ता होगा और रियल एस्टेट की डिमांड और बढ़ेगी।

'रेट कट होगा तो बढ़ेगी घरों की डिमांड'

Krishna Group और Krisumi Corporation के चेयरमैन अशोक कपूर ने कहा कि अब तक 100 bps की कटौती से होम लोन रेट घटने का असर दिख रहा है और हाउसिंग की मांग बढ़ी है। अगर अगली पॉलिसी में 25 bps की और कटौती होती है तो अर्थव्यवस्था को अतिरिक्त बढ़ावा मिलेगा और घरों की डिमांड मजबूत होगी।

Andromeda Sales and Distribution Pvt. Ltd. के को-सीईओ रौल कपूर ने कहा कि अगली एमपीसी मीटिंग में बड़ी कटौती की उम्मीद नहीं है, लेकिन 25 bps की मामूली कटौती संभव है। महंगाई काबू में रहने, हालात सुधरने और त्योहारों का सीजन आने से यह कदम कर्ज और हाउसिंग की डिमांड बढ़ा सकता है।

Bedarwal Group के सीएमडी सुशील बेदरवाल ने कहा कि इस साल 100 bps की कटौती से होम बायर्स को बड़ी राहत मिली है। उम्मीद है कि अगली मीटिंग में 25 bps की और कटौती होगी और बैंक इस राहत को ग्राहकों तक जल्दी पहुंचाएंगे, जिससे घर खरीदने की रफ्तार और तेज होगी।

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Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: Aug 02, 2025 11:19 PM

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