रिटेल इनफ्लेशन घटने से खुश हैं? जानिए क्रूड में उछाल और मध्यपूर्व में बढ़ता टकराव क्यों खेल बिगाड़ सकते हैं

सरकार ने 13 अगस्त को रिटेल इनफ्लेशन के आंकड़े जारी किए। बीते पांच साल में पहली बार रिटेल इनफ्लेशन आरबीआई के 4 फीसदी के टारगेट से नीचे आया है। लेकिन, एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर मध्यपूर्व में टेंशन की वजह से क्रूड ऑयल में तेजी जारी रहती है तो इंडिया में फिर से रिटेल इनफ्लेशन बढ़ सकता है

अपडेटेड Aug 14, 2024 पर 12:28 PM
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जुलाई में रिटेल इनफ्लेशन 3.54 फीसदी रहा।

इकोनॉमी से जुड़ी अच्छी खबर 13 अगस्त को आई। जुलाई में रिटेल इनफ्लेशन आरबीआई के 4 फीसदी के टारगेट से नीचे आ गया है। लेकिन, इससे ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ रहा है। इससे इंडिया के लिए मुश्किल बढ़ सकती है। इसके संकेत अभी से दिखने लगे हैं। बीते पांच दिनों में क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी दिखी है। मध्यपूर्व में तनाव बढ़ रहा है। मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर ब्रेंट क्रूड की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल के पार निकल जाती है तो इंडिया में रिटेल इनफ्लेशन फिर से बढ़ सकता है।

क्रूड ऑयल के मामले में इंडिया आयात पर निर्भर है

इंडिया क्रूड ऑयल (Crude Oil) के आयात पर काफी ज्यादा निर्भर है। इंडिया के कुल इंपोर्ट में क्रूड ऑयल की हिस्सेदारी करीब 25 फीसदी है। क्रूड ऑयल आयात पर ज्यादा निर्भरता का मतलब है कि इसकी कीमतें बढ़ने का सीधा असर कई इंडस्ट्रीज की कॉस्ट पर पड़ेगा। प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ने से रिटेल इनफ्लेशन (Retail Inflation) बढ़ेगा। इंडिया के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) में फ्यूल और लाइट का वेटेज 6.84 फीसदी है। खानेपीने की चीजों की हिस्सेदारी 45.8 फीसदी है। जुलाई में भले ही रिटेल इनफ्लेशन घटकर 3.54 फीसदी पर आ गया है, लेकिन क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने से यह फिर से इकोनॉमी के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।


क्रूड ऑयल की कीमतें 95 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती हैं

एसएस वेल्थस्ट्रीट की फाउंडर सुगंधा सचदेवा ने बताया कि अगर जियोपॉलिटिकल टेंशन बढ़ता है तो ब्रेंट क्रूड जल्द 88 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है। टेंशन जारी रहने पर इसके 95 डॉलर तक पहुंच जाने के आसार हैं। तनाव घटने पर ब्रेंट क्रूड के लिए करीब 75 डॉलर पर सपोर्ट है। उन्होंने बताया कि क्रूड ऑयल प्राइस में हर 10 डॉलर की वृद्धि से इंडिया में रिटेल इनफ्लेशन में करीब 0.4 फीसदी इजाफा हो सकता है।

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मध्यपूर्व में बढ़ रहा है तनाव

मध्यपूर्व में जियोपॉलिटिकल हालात ठीक नहीं हैं। पिछले महीने हमास के राजनीतिक नेता इस्माइल हानिये की हत्या के बाद ईरान ने इजराइल से बदला लेने की धमकी दी है। इस बीच, अमेरिका ने परमाणु हथियारों से लैस अपनी पनडुब्बी USS Georgia मध्यपूर्व इलाके में तैनात कर दी है। ईरान और उसके सहयोगी देशों के साथ इसलिए भी तनाव बढ़ सकता है क्योंकि इजराइल ने गाजा पर हमने हमले जारी रखे हैं। अक्टूबर में इजराइल पर अचानक हमास के हमले के बाद से अब तक करीब 40,000 फिलिस्तिनी मारे जा चुके हैं।

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First Published: Aug 14, 2024 12:17 PM

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