MCLR: देश के तीन बड़े सरकारी बैंकों ने ग्राहकों को राहत दी है। तीनों पब्लिक सेक्टर बैंकों ने MCLR घटा दिया है। जुलाई महीने की शुरुआत में ही सरकारी बैंकों पंजाब नेशनल बैंक (PNB), इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 5 बेसिस प्वाइंट्स (bps) की कटौती की है। 5 बेसिस प्वाइंट का मतलब हुआ 0.05 फीसदी तक रेट कम किया गया है। यह कटौती ऐसे समय में की गई है जब भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फरवरी 2025 से अब तक रेपो रेट में कुल 100 बेसिस प्वाइंट्स यानी 1% की कमी की है। इससे आम लोगों को लोन पर ब्याज दरें कम लगेंगी और EMI में राहत मिलेगी।
MCLR वह न्यूनतम ब्याज दर होती है जिस पर बैंक लोन दे सकते हैं। यह दर किसी भी लोन की न्यूनतम सीमा तय करती है। जब तक RBI की तरफ से कोई अलग निर्देश न हो, बैंक इससे कम ब्याज दर नहीं ले सकते। अब देश के तीन बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक MCLR घटा दिया है।
देश के दूसरे सबसे बड़े पब्लिक सेक्टर बैंक PNB ने सभी पीरियड के लिए MCLR दरों में 5 bps की कटौती की है।
ओवरनाइट MCLR: 8.25% से घटाकर 8.20%
एक महीने: 8.40% से घटाकर 8.35% कर दी गई है।
तीन महीने: 8.60% से 8.55% हो गई है।
छह महीने: 8.80% से 8.75% तक कर दी है।
एक साल (जो होम लोन के लिए होती है।): 8.95% से 8.90% फीसदी कर दी है।
तीन साल: 9.25% से 9.20% फीसदी दर कर दी है।
इंडियन बैंक ने भी कुछ पीरियड के लिए ब्याज दरों में 5 bps की कटौती की है, जो 3 जुलाई से लागू होंगी।
ओवरनाइट MCLR: 8.20% इस दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
एक महीने: 8.45% से 8.40% कर दी गई है।
तीन महीने: 8.65% से 8.60% हो गई है।
छह महीने: 8.90% से 8.85% कर दिया गया।
एक साल: 9.05% से 9.00 फीसदी कर दी गई है।
बैंक ऑफ इंडिया की दरों में भी कटौती
बैंक ऑफ इंडिया ने 1 जुलाई 2025 से सभी अवधियों के लिए MCLR दरों में 5 bps की कटौती की है।
तीन महीने: 8.60% से 8.55%
MCLR में इन कटौतियों के बाद लोन लेने वालों की EMI कुछ हद तक कम हो सकती है। खासकर उन ग्राहकों को फायदा होगा जिनके लोन MCLR से जुड़े हुए हैं। RBI के रेपो रेट में कटौती के बाद बैंकों का यह कदम ग्राहकों के लिए बड़ी राहत बन सकता है।