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Health Insurance: बुजुर्गों को भी मिल सकता है सस्ता हेल्थ इंश्योरेंस, ये हैं 5 आसान तरीके

बुजुर्गों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस महंगा पड़ सकता है, लेकिन कुछ स्मार्ट तरीके अपनाकर प्रीमियम कम किया जा सकता है। जानिए कैसे सही प्लान चुनकर और कुछ आसान बदलाव करके आप बचत कर सकते हैं।

अपडेटेड Apr 02, 2025 पर 8:00 AM
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बहुत से सीनियर सिटीजन्स हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से कतराते हैं, क्योंकि इसका प्रीमियम अधिक होता है।

Senior Citizen Health Insurance: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर का बीमारियों से कुछ गहरा ही नाता हो गया है। बहुत लोगों को भोजन से ज्यादा दवाइयों की जरूरत पड़ने लगी है। ऐसे में हेल्थ इंश्योरेंस हर किसी के लिए जरूरी हो गया है। खासकर बुजुर्गों के लिए, क्योंकि उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं की अधिक जरूरत पड़ती है। इलाज की लागत भी तेजी से बढ़ रही है। बीमा न होने पर अचानक आने वाला मेडिकल खर्च आप पर भारी बोझ बन सकता है।

हालांकि, बहुत से सीनियर सिटीजन्स हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से कतराते हैं, क्योंकि इसकी लागत काफी अधिक होती है। लेकिन कुछ स्मार्ट तरीके अपनाकर वे बीमा को किफायती बना सकते हैं, बिना कवरेज से समझौता किए।

जितना जल्दी लेंगे, उतना सस्ता होगा


अगर आप कम उम्र में बीमा लेते हैं, तो प्रीमियम काफी कम होता है। 30 साल की उम्र में लिया गया बीमा, 60 साल की उम्र में लेने की तुलना में सस्ता पड़ता है। इसके अलावा, नो-क्लेम बोनस (5% से 10% प्रति वर्ष) का फायदा मिलता है। अगर आप तीन साल की पॉलिसी लेते हैं, तो आपको 15% तक की छूट भी मिल सकती है।

अलग-अलग पॉलिसी की तुलना करें

बीमा खरीदने से पहले अलग-अलग कंपनियों के प्लान की तुलना करना बहुत जरूरी है। आजकल ऑनलाइन तुलना करना भी काफी आसान हो गया है। कई बीमा कंपनियां खासतौर पर बुजुर्गों के लिए प्लान पेश कर रही हैं। अपनी जरूरत और बजट के अनुसार सबसे सस्ती और बेहतरीन पॉलिसी चुनें।

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डिडक्टिबल और को-पे का उठाएं फायदा

डिडक्टिबल का मतलब है कि बीमा कंपनी क्लेम का भुगतान करने से पहले आपको कुछ राशि खुद चुकानी होगी। उदाहरण के लिए, अगर आपका डिडक्टिबल ₹5 लाख है और आपका क्लेम ₹8 लाख का आता है, तो पहले ₹5 लाख आपको देने होंगे, फिर बाकी ₹3 लाख बीमा कंपनी देगी।

को-पे (Co-Pay) में खर्च का एक हिस्सा आपको खुद देना होता है। मान लीजिए, आपकी पॉलिसी में 20% को-पे है और अस्पताल का बिल ₹2 लाख है, तो आपको ₹40,000 देने होंगे और बाकी बीमा कंपनी चुकाएगी। इन दोनों विकल्पों से प्रीमियम कम हो जाता है।

सुपर टॉप-अप प्लान लें

अगर आप कम प्रीमियम में ज्यादा कवरेज चाहते हैं, तो सुपर टॉप-अप प्लान लेना एक अच्छा तरीका है। यह तब काम आता है, जब आपका इलाज खर्च आपकी मौजूदा बीमा सीमा से ज्यादा हो जाता है।

उदाहरण के लिए, आपकी मौजूदा बीमा सीमा ₹3 लाख है और आपका मेडिकल बिल ₹7 लाख आता है। इस स्थिति में पहले ₹3 लाख का खर्च बीमा कंपनी उठाएगी और बाकी ₹4 लाख सुपर टॉप-अप पॉलिसी से कवर हो जाएंगे।

फिट रहें और प्रीमियम कम करें

बीमा कंपनियां उन लोगों को छूट देती हैं जो स्वस्थ जीवनशैली अपनाते हैं। अगर आप नियमित स्वास्थ्य जांच कराते हैं, रोजाना कदम गिनकर चलते हैं और वजन संतुलित रखते हैं, तो बीमा प्रीमियम कम हो सकता है। इससे बीमारियों और अस्पताल में भर्ती होने का खतरा भी घटता है।

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