Silver Price: चांदी की कीमतों ने इस साल निवेशकों को शानदार मुनाफा दिया है। साल 2025 की शुरुआत से अब तक चांदी ने करीब 45% रिटर्न दिया है। ये रिटर्न सोने से भी ज्यादा है। अगर तुलना करें तो इसी दौरान सोने का रिटर्न करीब 33% रहा है। फिलहाल देशभर में चांदी की कीमत 1.26 लाख रुपये प्रति किलो पर पहुंच चुकी है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या चांदी में प्रॉफिट बुक करके निकल जाना चाहिए? या अभी चांदी का रेट बढने का और इंतजार करना चाहिए? अगर एक्सपर्ट का माने तो साल 2025 के अंत में चांदी का रेट 1.35 लाख रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकता है। जानिये एक्सपर्ट क्या कहते हैं।
एक्सपर्ट का कहना है कि ढीली मौद्रिक नीतियां, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव और टैरिफ (tariff) को लेकर अनिश्चितता ने चांदी की रैली को मजबूती दी है। ऑगमोंट की रिसर्च हेड डॉ रेनीशा चैनानी के अनुसार चांदी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में $40 प्रति औंस का रेजिस्टेंस तोड़ दिया है और अब तेजी जारी रह सकती है। उन्होंने कहा, कि हमें उम्मीद है कि चांदी अगले कुछ हफ्तों में $43 करीब 1.30 लाख रुपये प्रति किलो और 2025 के अंत तक $45 यानी करीब 1.35 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती है।
इंडस्ट्रियल डिमांड का बड़ा असर
चांदी की कीमतों में उछाल की सबसे बड़ी वजह है एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री से बढ़ती मांग। इसके अलावा निवेशकों और सट्टेबाजों की दिलचस्पी ने भी इस रैली को और तेज किया है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) की वाइस प्रेसिडेंट अक्षता कम्बोज का कहना है कि सोना और चांदी दोनों को भू-राजनीतिक तनाव, रुपये की कमजोरी और अमेरिकी फेडरल रिजर्व से रेट कट की उम्मीद का फायदा मिल रहा है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि सोना कुछ समय के लिए रुक सकता है, लेकिन चांदी की रफ्तार ज्यादा मजबूत दिख रही है।
एक्सपर्ट का अनुमान है कि 2026 के अंत तक चांदी 1.60 लाख रुपये प्रति किलो और 2028 तक 2 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। हालांकि, एक्सपर्ट चेतावनी भी दे रहे हैं कि बीच-बीच में प्रॉफिट बुकिंग और मार्केट करेक्शन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।