Silver Price: ₹2.18 लाख प्रति किलो तक जाएगा चांदी का भाव! एक्सपर्ट ने बताई कीमतों में रिकॉर्ड तेजी आने की वजह
Silver Price: चांदी की कीमतों में जनवरी से अक्टूबर 2025 तक 133% उछाल आया है। एक्सपर्ट के मुताबिक, चांदी का भाव ₹2.18 लाख प्रति किलो तक बढ़ सकता है। इसके पीछे कई ठोस कारण हैं। जानिए डिटेल।
भारत में ऊंची कीमतों के बावजूद फिजिकल और डिजिटल चांदी की मांग में कमी नहीं आई है।
Silver Price: चांदी की कीमतों में जारी तेजी आगे भी बनी रह सकती है। मशहूर बुलियन डीलर आम्रपाली गुजरात के सीईओ चिराग ठक्कर का कहना है कि 2025 के अंत तक चांदी की कीमतों में करीब 18% से अधिक आ सकता है। उनका मानना है कि ग्लोबल लिक्विडिटी प्रेशर और रिटेल डिमांड में मजबूती की वजह से यह बाजार अभी और गर्म रह सकता है।
भारतीय बाजार में कितना बढ़ेगी चांदी
गुडरिटर्न्स के मुताबिक, भारत में सोमवार, 13 अक्टूबर को चांदी का भाव (Silver Price Today) 1.85 लाख रुपये प्रति किलो था। इसमें अगर 18% का उछाल आता है, तो नई कीमतें 2.18 लाख रुपये प्रति किलो तक जा सकती हैं।
1 जनवरी 2025 को चांदी की कीमत लगभग ₹79,380 प्रति किलो थी। वहीं, 13 अक्टूबर यह ₹1,85,000 तक पहुंच गई है। इसका मतलब है कि जनवरी से अक्टूबर तक चांदी की कीमतों में लगभग 133% की वृद्धि हुई।
भारत में भी बढ़ी चांदी की डिमांड
भारत में ऊंची कीमतों के बावजूद फिजिकल और डिजिटल चांदी की मांग में कमी नहीं आई है। ठक्कर के अनुसार, खरीदार हालिया तेजी से परेशान नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'मेरे क्लाइंट्स कह रहे हैं कि चाहे दाम बढ़ें या घटें, वे ₹2,00,000 तक की कीमत देने को तैयार हैं, उन्हें बस चांदी चाहिए।'
उन्होंने बताया कि 1 किलो का चांदी का बार खुदरा निवेशकों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय है। भारत की चांदी की इम्पोर्ट इस साल 5,000 से 5,500 टन तक रहने की उम्मीद है।
किस वजह से बढ़ रहा है चांदी का दाम
चिराग ठक्कर ने CNBC-TV18 से कहा, 'हमने सिल्वर के लिए जो टारगेट तय किए थे, वे पहले ही पूरे हो चुके हैं। फिलहाल लंदन मार्केट में लिक्विडिटी की कमी कीमतों को असामान्य रूप से बढ़ा रही है। अगर दाम 50 डॉलर से ऊपर टिका रहता है, तो यह 55 डॉलर और शायद 60 डॉलर तक भी जा सकता है।'
सोमवार, 13 अक्टूबर को ग्लोबल मार्केट में चांदी की स्पॉट प्राइस में 1.57% की बढ़त दर्ज की गई। यह 51.08 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो रिकॉर्ड स्तर के करीब है। लंदन मार्केट में शॉर्ट स्क्वीज और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के चलते बाजार में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
इस उछाल का असर सोने पर भी पड़ा, जिसके दाम नई ऊंचाई पर पहुंचे। वहीं, व्हाइट हाउस द्वारा अन्य कीमती धातुओं पर टैरिफ की आशंका से प्लेटिनम और पैलेडियम की कीमतों में भी तेजी आई।
लंदन मार्केट में ज्यादा दाम, न्यूयॉर्क में डिस्काउंट
ठक्कर के मुताबिक, इस समय लंदन मार्केट न्यूयॉर्क की तुलना में 2 डॉलर से ज्यादा प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है। यह सप्लाई की कमी और ग्लोबल फंड्स की मजबूत खरीदारी का संकेत है। उन्होंने बताया, 'न्यूयॉर्क में डिस्काउंट पर ट्रेडिंग हो रही है जबकि लंदन में प्रीमियम पर। सभी ग्लोबल ETF, जिनमें भारतीय ETF भी शामिल हैं, भारी खरीदारी कर रहे हैं। साथ ही, रिटेल खरीदार भी बढ़-चढ़कर निवेश कर रहे हैं।'
ठक्कर के अनुसार, फिलहाल प्रीमियम 1.5 से 2 डॉलर प्रति औंस यानी करीब ₹14,000 से ₹15,000 प्रति किलो MCX रेट से ऊपर चल रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि बाजार स्थिर होने पर यह प्रीमियम 3 से 4 हफ्तों में सामान्य हो सकता है।
46 डॉलर पर है मजबूत सपोर्ट
वैश्विक सप्लाई की कमी और निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी के बीच चांदी की यह तेजी फिलहाल थमती नहीं दिख रही। ठक्कर ने बताया कि अगर कीमतों में सुधार आता है तो 46 डॉलर प्रति औंस पर मजबूत सपोर्ट देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा, 'पिछले हफ्ते लंदन मार्केट खुलने से पहले हमने 46 डॉलर पर सपोर्ट देखा था। अगर दाम फिर वहीं आते हैं, तो बड़ी खरीदारी देखने को मिलेगी।'
इसका मतलब कि अगर चांदी के दाम में 10% की गिरावट आती है, तो वहां मजबूत सपोर्ट बनेगा। भारतीय बाजार में चांदी का यह लेवल ₹1,66,500 प्रति किलो का रहेगा। ठक्कर के मुताबिक, 'यह धातु इस साल खत्म होने से पहले और ज्यादा चमक दिखा सकती है।'
Disclaimer: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए सलाह या विचार एक्सपर्ट/ब्रोकरेज फर्म के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदायी नहीं है। यूजर्स को मनीकंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले हमेशा सर्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।