घर खरीदना हर किसी के लिए एक बड़ा सपना होता है, लेकिन सिंगल मदर के लिए यह और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्हें अकेले अपने बच्चे की जिम्मेदारी निभानी होती है और साथ ही घर खरीदने के लिए सही फाइनेंशियल प्लानिंग भी करनी होती है। हालांकि, सरकार और कई बैंक महिलाओं को होम लोन पर खास छूट और फायदे देते हैं, जिससे यह प्रोसेस उनके लिए आसान हो सकता है।
सिंगल मदर के लिए होम लोन लेना एक चुनौती हो सकता है। लेकिन सही योजना और समझदारी से यह सपना पूरा किया जा सकता है। कम ब्याज दर, स्टांप ड्यूटी छूट, टैक्स फायद और अच्छे क्रेडिट स्कोर के जरिए उन्हें बेहतर शर्तों पर लोन मिल सकता है। इसके अलावा, डाउन पेमेंट और इमरजेंसी फंड की सही योजना बनाकर वे बिना किसी वित्तीय दबाव के अपना घर खरीद सकती हैं।
महिलाओं के लिए होम लोन के फायदे
सिंगल मदर को लोन लेने से पहले यह समझना जरूरी है कि बैंक और वित्तीय संस्थान महिलाओं को कई लाभ देते हैं, जिससे उनके लिए घर खरीदना आसान हो जाता है।
कम ब्याज दर: महिलाओं को होम लोन पर 0.05% से 0.1% तक कम ब्याज दर मिलती है, जिससे EMI का बोझ कम होता है।
स्टांप ड्यूटी में छूट: केंद्र और राज्य सरकारें महिलाओं को स्टांप ड्यूटी पर 1-2% की छूट देती हैं, जिससे उन्हें किफायती दर पर घर खरीदने में मदद मिलती है।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ: इस योजना के तहत पहली बार घर खरीदने वाली महिलाओं को क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना का लाभ मिलता है।
टैक्स छूट: होम लोन लेने वाली महिलाएं इंकम टैक्स एक्ट के तहत प्रिंसिपल अमाउंट पर 1.5 लाख रुपये तक और ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की कटौती का फायदा ले सकते हैं। यदि उन्होंने किसी के साथ मिलकर प्रॉपर्टी खरीदी है, तो दोनों इस फायदे को अलग-अलग क्लेम कर सकते हैं।
सिंगल मदर को होम लोन लेने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर पर ध्यान देना चाहिए। 750 से अधिक क्रेडिट स्कोर होने पर लोन आसानी से मिल जाता है और ब्याज दर भी कम रहती है। लोन अप्लाई करने से पहले अपना बकाया पेमेंट और क्रेडिट यूटिलाइजेशन की समीक्षा करें। ताकि, लोन पास होने में दिक्कत न आए।
डाउन पेमेंट की योजना बनाएं
बैंक आमतौर पर प्रॉपर्टी की कीमत का 75-90% तक लोन देते हैं, जबकि बैलेंस 10-25% अमाउंट डाउन पेमेंट के रूप में देनी होती है। यदि आपके पास कम से कम 20% की सेविंग है, तो बेहतर शर्तों पर लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है। अधिक डाउन पेमेंट करने से EMI कम होती है और ब्याज दर भी कम लगती है।
सिंगल मदर को होम लोन लेने से पहले एमरजेंसी फंड जरूर रखना चाहिए। यह फंड मेडिकल इमरजेंसी, नौकरी छूटने या घर की मरम्मत जैसे टाइम पर काम आते हैं। फाइनेंशियल एक्सपर्ट के अनुसार, कम से कम 9-12 महीनों के खर्च के बराबर सेविंग होनी चाहिए।
लंबे पीरियड के निवेश से बचें
घर खरीदते समय लंबे पीरियड के निवेश जैसे रिटायरमेंट प्लान या बच्चे की हायर एजुकेशन के लिए फंड की जगह शॉर्ट टर्म निवेश करें। क्योंकि अगर निवेश किया अमाउंट समय से पहले निकालना पड़े तो टैक्स या पेनाल्टी लग सकती है। ऐसे मामलों में शॉर्ट टर्म पीरियड के लिए निवेश बेस्ट रहता है।
(लेखक - अतुल मोंगा- सीईओ और को-फाउंडर, बेसिक होम लोन )