सेबी ने कुछ समय पहले एक नए एसेट क्लास को मंजूरी दी थी। इसे स्पेशियलाइज्ड इनवेस्टमेंट फंड (एसआईएफ) नाम दिया गया है। यह फंड म्यूचुअल फंडो को एडवान्स इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी इस्तेमाल करने की इजाजत देता है। मार्केट रेगुलेटर ने ऐसे इनवेस्टर्स को ध्यान में रख एसआईएफ को इजाजत दी है, जो ज्यादा रिस्क ले सकते हैं। एसआईएफ के फायदे क्या हैं, आखिर सेबी ने इसकी इजाजत क्यों दी, यह म्यूचुअल फंडों की मौजूदा स्कीमों से किस तरह अलग है? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं।
Specialised Investment Fund (SIF) एक ऐसा एसेट क्लास है, जो म्यूचुअल फंड की मौजूदा स्कीमों और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (PMSes) के बीच में है। एसआईएफ की इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी और एप्रोच अलग है। अभी म्यूचुअल फंड की स्कीम में 100 रुपये से निवेश किया जा सकता है, जबकि पीएमएस में कम से कम 50 लाख रुपये का निवेश करना पड़ता है। अल्टरनेटिव इनवेस्टमेंट फंड (AIF) में न्यूनतम निवेश 1 करोड़ रुपये है।
एएसआईएफ के ओपन-एंडेड, क्लोज्ड एंडेड या इंटरवल स्ट्रक्चर में फंड मैनेजर्स को एडवान्स इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी का इस्तेमाल करने की इजाजत है। एसआईएफ में इनवेस्टर को न्यूनतम 10 लाख रुपये का निवेश करना होगा। सेबी ने पहले बताया था कि म्यूचुअल फंड की स्कीमों और PMS के बीच कोई स्कीन नहीं होने से इनवेस्टर्स ज्यादा रिटर्न के लिए अनअथॉराइज्ड और अनरजिस्टर्ड इनवेस्टमेंट स्कीमों में निवेश करते हैं। इसमें उनके पैसे डूबने का डर होता है। ऐसी स्कीमों के पैसे लेकर फरार हो जाने की खबरें आती रहती हैं।
एक्रेडिटेड इनवेस्टर्स को इजाजत नहीं
एसएआईएफ में एक्रेडिटेड इनवेस्टर्स को निवेश करने की इजाजत नहीं है। एक्रेडिटेड इनवेस्टर्स ऐसे निवेशक को कहते हैं, जिन्हें अलग-अलग तरह के इनवेस्टमेंट प्रोडक्ट्स की समझ होती है। ऐसे में उनके फैसले सोचसमझकर लिए गए होते हैं। दुनियाभर में ऐसे निवेशक फाइनेंशियल मार्केट रेगुलेटर्स के पास रजिस्टर्ड होते हैं।
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क्या है इनवेस्टमेंट स्ट्रेटेजी?
एसआईएफ के फंड मैनेजर्स को 15 फीसदी तक पैसा किसी सिगंल सिक्योरिटी में लगाने की इजाजत है। यह म्यूचुअल फंड की मौजूदा स्कीमों में सिंगल सिक्योरिटी में मैक्सिमम 10 फीसदी पैसा लगाने की इजाजत है। फिक्स्ड रिटर्न इंस्ट्रूमेंट्स में किसी एक इश्यूअर की सिक्योरिटी में मैक्सिमम 20 फीसदी निवेश की इजाजत है। बोर्ड के एप्रूवल से इसे बढ़ाकर 25 फीसदी तक किया जा सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि एसआईएफ पोर्टफोलियो मैनेजर को टेलर्ड और इनोवेटिव प्रोडक्ट्स तैयार करने की इजाजत देता है।