बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए निवेश के कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और म्यूचुअल फंड (MF) दो प्रमुख माध्यम हैं। SSY सरकार द्वारा समर्थित योजना है, जिसमें 8.2% का फिक्स्ड ब्याज मिलता है और यह जोखिम मुक्त होता है। इसके विपरीत, म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार पर निर्भर करता है, जिससे हाई रिटर्न की संभावना होती है, लेकिन इसके साथ जोखिम भी रहता है।
SSY में सालाना अधिकतम ₹1.5 लाख निवेश की सीमा होती है और यह 21 वर्षों की लॉक-इन अवधि के साथ आती है। जबकि म्यूचुअल फंड में निवेश की कोई सीमा नहीं होती, आप छोटी-छोटी रकम के जरिए SIP के माध्यम से भी निवेश कर सकते हैं। म्यूचुअल फंड की लॉक-इन अवधि आमतौर पर 3 से 5 साल तक होती है, लेकिन यह फंड के प्रकार पर निर्भर करती है।
SSY निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत टैक्स लाभ मिलता है, और इसमें जोखिम काफी कम होता है। म्यूचुअल फंड में टैक्स लाभ ELSS जैसे टैक्स बेनेफिट स्कीम में ही मिलता है। साथ ही, म्यूचुअल फंड में बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण लाभ में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
क्या है विशेषज्ञों की राय?
फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है कि लंबी अवधि में म्यूचुअल फंड बेहतर रिटर्न दे सकते हैं, खासकर जब आप जोखिम लेने के लिए तैयार हों। वहीं, यदि आप सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न चाहते हैं तो SSY बेहतर विकल्प है। दोनों में निवेश का संयोजन भी बेहतर रणनीति हो सकती है ताकि जोखिम और रिटर्न में संतुलन बना रहे।
बच्चियों के भविष्य के लिए निवेश करते समय अपनी वित्तीय स्थिति, जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि का मूल्यांकन करके SSY और म्यूचुअल फंड में से उपयुक्त विकल्प चुनें। सही योजना के चुनाव से न केवल आर्थिक सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि भविष्य की बड़ी जरूरतों जैसे शिक्षा और विवाह के लिए पर्याप्त धन भी उपलब्ध रहेगा।