शादी में गिफ्ट में गोल्ड ज्वेलरी देने की परंपरा रही है। माता-पिता के अलावा दूसरे रिश्तेदार दुल्हन को उपहार में गोल्ड ज्वेलरी देते हैं। सवाल है कि गिफ्ट में मिले गोल्ड पर टैक्स के नियम क्या हैं? आम तौर पर किसी से मिले पैसे या प्रॉपर्टी पर टैक्स लगता है। इसे टैक्सपेयर्स को अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में 'अन्य स्रोत से आय' के रूप में दिखाना जरूरी होता है। लेकिन, अच्छी बात यह है कि शादी में मिले गोल्ड पर टैक्स नहीं लगता है। टैक्सबडी डॉटकॉम के फाउंडर सुजीत बांगर ने कहा कि शादी में मिले किसी गिफ्ट पर टैक्स नहीं लगता है। ये गिफ्ट ज्वेलरी, कोई चीज, बरतन, फर्नीचर आदि हो सकते हैं। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 56(2)(X) के तहत शादी के मौके पर दुल्हन को मिला स्त्रीधन टैक्स के दायरे में नहीं आता है।
गिफ्ट में मिले गोल्ड पर क्या टैक्स लगेगा?
अब सवाल यह है कि शादी को छोड़ दूसरे मौकों या बगैर किसी मौके अगर गोल्ड गिफ्ट में दिया जाता है तो क्या उस पर टैक्स लगेगा? इसका जवाब है हां। लेकिन, कुछ रिश्तेदारों से मिले गोल्ड को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। RSM India के फाउंडर सुरेश सुराणा ने कहा कि अगर किसी महिला को उसके पति, भाई, बहन और उसके सास-ससुर से गिफ्ट मिलता है तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा। अगर इनकम टैक्स के अधिकारी किसी महिला से उसकी गोल्ड ज्वेलरी के बारे में सवाल पूछते हैं तो उसे उसके सोर्स के बारे में बताना होगा। उदाहरण के लिए अगर परिवार की संपत्ति के बंटवारे में उसे गोल्ड मिला है तो उसे वसीयत की कॉपी या गिफ्ट की डीड दिखानी होगी।
कोई स्त्री या पुरुष अपने पास कितना गोल्ड रख सकता है?
अगर आपके पास कोई सबूत नहीं है या आप उसके सोर्स के बारे में नहीं बता सकते तो फिर गोल्ड की मात्रा को लेकर तय नियम लागू होते हैं। एक विवाहित महिला को 500 ग्राम तक गोल्ड रखने की इजाजत है। कोई अविवाहित महिला अपने पास 250 ग्राम तक गोल्ड रख सकती है। एक पुरुष सोर्स के किसी प्रूफ के बगैर अपने पास 100 ग्राम तक सोना रख सकता है।
इनकम टैक्स के छापे में मिले गोल्ड का क्या होता है?
अगर इनकम टैक्स के छापे में ऊपर बताई गई लिमिट से ज्यादा गोल्ड मिलता है और उसका स्रोत नहीं बताया जाता है तो उसे जब्त कर लिया जाएगा। अगर टैक्सपेयर्स गोल्ड खरीदने के लिए इस्तेमाल पैसे का वैध स्रोत नहीं बताया है तो उस पर टैक्स लगेगा। सुराणा ने कहा कि अगर छापे के दौरान व्यक्ति गोल्ड खरीदने के लिए इस्तेमाल पैसे का स्रोत बता देता है और इनकम टैक्स के अधिकारी उससे संतुष्ट हो जाते हैं तो वे गोल्ड को जब्त नहीं करने का फैसला ले सकते हैं।
छापे में मिले गोल्ड पर टैक्स के नियम क्या हैं?
इनकम टैक्स के अधिकारी टैक्सपेयर्स की तरफ से पेश सबूत, स्टेटमेंट आदि की जांच के दौरान दूसरी वजहों पर भी विचार करते हैं। इनमें परिवार की सामाजिक हैसियत, परंपरा आदि शामिल होती है। लेकिन अगर गोल्ड को जब्त कर लिया जाता है और उस पर टैक्स लगाया जाता है तो टैक्स का रेट बहुत ज्यादा होता है। सुराणा ने कहा कि गोल्ड की वैल्यू पर 60 फीसदी टैक्स लगाया जाता है। फिर 25 फीसदी सरचार्ज लगाया जाता है। 4 फीसदी हेल्थ और एजुकेशन सेस लगता है। इसके बाद टैक्स पर 10 फीसदी पेनाल्टी लगाई जाती है।