बजट से उम्मीदें: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी। बजट में, मौजूदा टैक्स सिस्टम में काफी बदलाव की संभावना जताई जा रही है। सरकार नई टैक्स रिजीम को ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना चाहती है, लिहाजा इनकम ढांचे में संभावित बदलाव को लेकर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं। मिसाल के तौर पर सबसे ऊंचे टैक्स स्लैब (30%) को लेकर बदलाव की सबसे ज्यादा चर्चा है। यह टैक्स स्लैब 15 लाख रुपये से ज्यादा की सालाना इनकम वालों पर लागू है।
हम आपको यहां इनकम टैक्स से जुड़े बदलाव की अहम संभावनाओं के बारे मे बता रहे हैं:
15 लाख रुपये से ज्यादा की इनकम पर 30% टैक्स स्लैब लागू है और इसमें 2020 से कोई बदलाव नहीं लागू किया गया है। इसे हटाने के पक्ष में जो दलील दी जा रही है, उसमें कहा जा रहा है कि इससे टैक्सपेयर्स की खर्च करने योग्य आय में बढ़ोतरी होगी। खर्च करने योग्य आय में बढ़ोतरी से कंजम्प्शन को बढ़ावा मिल सकता है। इकोनॉमिक ग्रोथ को बढ़ाने में कंजम्प्शन की अहम भूमिका होती है। देश के जीडीपी में कंजम्प्शन की हिस्सेदारी तकरीबन 60 पर्सेंट है। एक्सपर्ट्स का अनुमान है कि सरकार नई टैक्स रिजीम में बदलाव कर सकती है। साथ ही, 30% टैक्स स्लैब के लिए इनकम की सीमा बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर सकती है।
सरकार टैक्स स्ट्रक्चर को आसान बनाने की दिशा में काम कर रही है। नई टैक्स रिजीम को 2020 में पेश किया गया था। इसमें रेट और छूट कम हैं। 30 पर्सेंट वाले टैक्स स्लैब को कम कर इसे और आसान बनाया जा सकता है। फिलहाल, 7.75 लाख रुपये सालाना इनकम वाले वाले शख्स पर इस रिजीम के तहत मोटे तौर पर कोई टैक्स नहीं है। टैक्स फ्री इनकम के लिए इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने 20 लाख रुपये की इनकम पर 20% और इससे ज्यादा इनकम पर 25% टैक्स रेट रखने का सुझाव दिया है।
30% वाला स्लैब और सरकार का रेवेन्यू
सरकार का टैक्स रेवन्यू बढ़ाने में 30% वाले टैक्स ब्रैकेट की अहम भूमिका होती है। इस ब्रैकेट को हटाने या कम करने से रेवेन्यू में काफी कमी आ सकती है और सरकार के लिए चुनौतियां पैदा हो सकती हैं। खास तौर पर इंफ्रा, हेल्थकेयरक और सामजिक कल्याण की योजनाओं के लिए फंड जुटाने में दिक्कत हो सकती है।
30 पर्सेंट वाले टैक्स स्लैब को कम करने के बजाय सरकार अन्य विकल्पों का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर सरकार 30 पर्सेंट स्लैब के लिए आय की सीमा 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करती है, तो इससे मिडिल और अपर-मिडिल टैक्सपेयर्स को काफी राहत मिलेगी।
आगामी बजट में 20% से 30% के बीच एक नए टैक्स स्लैब को शामिल किया जा सकता है। यह टैक्स स्लैब उन लोगों के लिए होगा, जो 15 लाख रुपये से ज्यादा कमाते हैं। CBDT के पूर्व मेंबर और PwC में मौजूदा एडवाइजर अखिलेश रंजन ने बताया कि सरकार 15-20 लाख सालाना आमदनी वाले लोगों के लिए 25% का नया टैक्स ब्रैकेट लाने पर विचार कर रही है।