इनकम टैक्स (Income Tax) की बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट से अगर आपकी इनकम ज्यादा है तो आपके लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना जरूरी है। इसके अलावा भी कई शर्तें हैं, जिनके मुताबिक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना जरूरी है, भले ही आपकी इनकम छूट के दायरे में आती है। समय-समय पर सरकार इस लिस्ट में संशोधन करती रहती है। उदाहरण के लिए 2019 में सरकार ने कई नई शर्तें लागू की थीं।
इनमें कहा गया था कि अगर आप करेंट अकाउंट में एक फाइनेंशियल ईयर में 1 करोड़ या इससे ज्यादा डिपॉजिट करते हैं, विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करते हैं या एक साल में 1 लाख रुपये से ज्यादा इलेक्ट्रिसिटी बिल चुकाते हैं तो इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। दरअसल, इसका मतलब है कि अगर आपकी इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट से कम है और उपर्युक्त शर्तों में से कोई आप पर लागू होती है तो आपको आईटीआर फाइल करना होगा।
सरकार ने इस लिस्ट में नई शर्त जोड़ दी है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने 21 अप्रैल को नया नोटिफिकेशन जारी किया है। ये शर्तें तत्काल प्रभाव से लागू हो गई हैं। इसका मतल है कि अगर आप इनमें से किसी शर्त के दायरे में आते हैं तो आपको इस एसेसमेंट ईयर से ही आईटीआर फाइल करना होगा, भले ही आपकी एनुअल इनकम छूट की सीमा के अंदर आती हो।
अगर आप बिजनेस करते हैं और आपकी कुल सेल्स, टर्नओवर या ग्रॉस रिसीट एक फाइनेंशियल ईयर में 60 लाख रुपये से ज्यादा है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। यह भी ध्यान में रख लें कि बिजनेस में आपको लॉस हुआ है या प्रॉफिट, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
अगर आप एक प्रोफेशनल हैं और पिछले साल प्रोफेशन से आपकी ग्रॉस रिसीट 10 लाख रुपये से ज्यादा हो जाती है तो आपको आईटीआर फाइल करना होगा। प्रोफेशनल के तहत इंजीनियर, लीगल, आईटी प्रोफेनल्स, अकाउंटेंसी, इंटीरियर डेकोरेटर, मेडिकल, सीएस, फिल्म आर्टिस्ट और टेक्निकल कंसल्टेंट आते हैं।
अगर एक फाइनेंशियल ईयर में आपका टैक्स कलेक्टेड एक सोर्स (TDS) 25,000 रुपये से ज्यादा रहता है तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा। बुजुर्गों यानी 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए टीडीएस की सीमा 50,000 रुपये होगी। अगर आप एक फाइनेंशियल ईयर में एक या एक से ज्यादा सेविंग्स अकाउंट में 50 लाख रुपये से ज्यादा डिपॉजिट करते हैं तो आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा।
आईटीआर फाइल करने के लिए शर्तों की लिस्ट बढ़ाने का सरकार का मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को इनकम टैक्स के दायरे में लाना है। अभी सिर्फ आबादी का सिर्फ 6 से 7 फीसदी हिस्सा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करता है। सरकार की कोशिश इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वाले लोगों की संख्या बढ़ाना हैष