Yes Bank के राणा कपूर और DHFL ने मिलकर किया 5050 करोड़ रुपये का घोटाला: ED

यस बैंक ने अप्रैल 2018 से जून 2018 के बीच डीएचएफएल से 3,700 करोड़ रुपये मूल्य के डिबेंचर खरीदे थे। इसके लिए अमाउंट डीएचएफएल को ट्रांसफर कर दिया गया था। फिर, डीएचएफएल ने DOIT Urban Ventures Pvt Ltd को 600 करोड़ रुपये का लोन दिया। इस कंपनी का मालिकाना हक राणा कपूर और उसके परिवार के पास था

अपडेटेड Apr 23, 2022 पर 3:23 PM
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ईडी ने यह भी कहा कि उपर्युक्त लोन के सैंक्शन के ठीक पहले यस बैंक ने डीएचएफएल में इनवेस्ट किया था। इससे राणा कपूर और कपिल वधावन और धीरज वधावन के बीच आपराधिक साजिश का पता चलता है।

यस बैंक के को-फाउंडर राणा कपूर और दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर्स कपिल वधावन और धीरज वधावन ने संदिग्ध ट्रांजेक्शंस के जरिए 5,050 करोड़ रुपये के घोटाले किए थे। Enforcement Directorate (ED) ने अपनी दूसरी सपलमेंट्री चार्जशीट में यह आरोप लगाया है। उसने स्पेशल कोर्ट में यह चार्जशीट दाखिल की है।

ईडी ने कहा है कि जांच के दौरान यह सामने आया कि इस मामले में अपराध से हुए फायदे (Proceeds of Crime) का बड़ा हिस्सा राणा कपूर ने विदेश भेज दिया । इसलिए इसे प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट (PMLA) के प्रावधानों के तहत सीधे तौर पर जब्त नहीं किया जा सकता। उसने यह भी कहा है कि कपूर, डीएचएफएल के प्रमोटर्स और कुछ अन्य लोग संदिग्ध ट्रांजेक्शंस के जरिए इस पैसे को बाहर भेजने में शामिल थे।

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यस बैंक ने अप्रैल 2018 से जून 2018 के बीच डीएचएफएल से 3,700 करोड़ रुपये मूल्य के डिबेंचर खरीदे थे। इसके लिए अमाउंट डीएचएफएल को ट्रांसफर कर दिया गया था। फिर, डीएचएफएल ने DOIT Urban Ventures Pvt Ltd को 600 करोड़ रुपये का लोन दिया। इस कंपनी का मालिकाना हक राणा कपूर और उसके परिवार के पास था। ईडी का कहना है कि यस बैंक ने डीएचएफएल के शॉर्ट-टर्म डिबेंचर खरीदने के लिए पब्लिक मनी का इस्तेमाल किया था। अब तक इन डिबेंचर को रिडीम नहीं किया गया है।

उधर, इसके बदले में डीएचएफएल ने कपूर के इस अहसान का बदला उनकी कंपनी को 600 करोड़ रुपये का लोन देकर चुकाया। यह लोन बगैर पर्याप्त कोलेटरल के दिया गया। जांच में यह भी पता चला है कि 600 करोड़ रुपये का लोन सबस्टैंडर्ड प्रॉपर्टी के लिए दिया गया। इसकी (प्रॉपर्टी की) वैल्यू सिर्फ 39.68 करोड़ रुपये थी। एग्रीकल्चर लैंड को रेजिडेंशियल लैंड में कनवर्ट कर इसकी वैल्यू बढ़ाचढ़ाकर 735 करोड़ रुपये दिखाई गई।

ईडी ने यह भी कहा कि उपर्युक्त लोन के सैंक्शन के ठीक पहले यस बैंक ने डीएचएफएल में इनवेस्ट किया था। इससे राणा कपूर और कपिल वधावन और धीरज वधावन के बीच आपराधिक साजिश का पता चलता है। ईडी ने ये सभी बातें चार्जशीट में बताई है।

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