सरकार ने 1 जुलाई 2025 से पैन कार्ड और आधार लिंकिंग को अनिवार्य कर दिया है। 31 दिसंबर 2025 तक यदि आपने अपना पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं किया तो आपका पैन कार्ड इनऑपरेटिव यानी निष्क्रिय हो जाएगा। इससे आपकी वित्तीय क्रियाएं प्रभावित होंगी। पैन कार्ड को आधार से लिंक न करने पर वह इनऑपरेटिव हो जाता है, जिसका आपकी वित्तीय गतिविधियों पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। न तो आप आयकर रिटर्न फाइल कर पाते हैं, न टैक्स रिफंड्स ले सकते हैं और न ही कई वित्तीय लेनदेन कर पाते हैं।
क्या होता है इनऑपरेटिव पैन?
इनऑपरेटिव पैन पहचान के तौर पर तो वैध रहता है, लेकिन इसकी वित्तीय मान्यता समाप्त हो जाती है। इससे आप आईटीआर फाइलिंग, रिफंड क्लेमिंग और अन्य टैक्स प्रक्रिया नहीं कर पाते हैं। साथ ही, वित्तीय लेनदेन जैसे बैंक खाता खोलना, KYC अपडेट करना, म्यूचुअल फंड में निवेश या क्रेडिट कार्ड अपडेट करना प्रभावित होता है।
इनऑपरेटिव पैन होने पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की दरें बढ़ जाती हैं, जिससे आपकी आय पर अधिक टैक्स कटता है। इसके अलावा, पहले से बकाया टैक्स रिफंड भी नहीं मिलता जब तक कि पैन एक्टिवेट न हो जाए।
पैन कार्ड को कैसे सक्रिय करें?
PAN-Aadhaar लिंकिंग करके आप इसे पुन सक्रिय कर सकते हैं। इसके लिए इनकम टैक्स पोर्टल पर जाकर ₹1000 की देर से जुड़ने की पेनाल्टी चुकानी होगी। सफल लिंकिंग के बाद, आपका पैन कुछ दिनों में ऐक्टिव हो जाएगा।
सक्रियता के बाद क्या करें?
पैन एक्टिव होने के बाद, अपने सभी वित्तीय खातों और निवेश प्लेटफार्मों पर केवाईसी अपडेट करना आवश्यक है ताकि आगे कोई समस्या नहीं हो। बैंक, डिमैट अकाउंट, म्यूचुअल फंड, बीमा और ऋण खातों में पैन की वर्तमान जानकारी अपडेट करें।
पैन कार्ड इनऑपरेटिव होने से वित्तीय लेनदेन और टैक्स संबंधित कार्य भारी बाधित हो जाते हैं। समय रहते पैन को आधार से लिंक कर सक्रिय करना आपके वित्तीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है।