क्रेडिट कार्ड एक ऐसा वित्तीय उपकरण है, जो बैंक या वित्तीय संस्थान द्वारा जारी किया जाता है और आपको एक निश्चित क्रेडिट लिमिट के तहत पैसे उधार लेने की सुविधा देता है। इसके जरिए आप दुकान, ऑनलाइन या बैंक से जुड़े अन्य लेन-देन बिना तुरंत पेमेंट किए कर सकते हैं, बाद में तय समय पर बिल चुकाना होता है। यह सुविधा तत्काल भुगतान की जरूरत के समय काम आती है, लेकिन इसका सही इस्तेमाल न होने पर यह भारी कर्ज और वित्तीय तनाव का कारण बन सकती है।
क्रेडिट कार्ड पर आपका नाम, कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और सुरक्षा के लिए सीवीवी कोड होता है। जब आप इसका इस्तेमाल करते हैं, तो कार्ड जारी करने वाले बैंक द्वारा तय की गई लिमिट तक आपके लिए क्रेडिट की व्यवस्था होती है। इस लिमिट के भीतर आप खरीदारी कर सकते हैं या नकद निकाल सकते हैं।
इस कार्ड पर खर्च की गई राशि आपके बैंक अकाउंट से तुरंत नहीं कटती, बल्कि बैंक आपको पैसे उधार देता है, जिसे आपको बाद में बिल के रूप में जमा करना होता है। यदि बिल पूरी राशि में समय पर चुकाई जाती है, तो कोई अतिरिक्त ब्याज नहीं लगता।
क्रेडिट कार्ड की सबसे बड़ी चुनौती इसकी ऊंची ब्याज दरें हैं, जो 18% से 36% तक पहुंच जाती हैं। अगर हर महीने का बिल पूरा नहीं चुकाया तो बकाया रकम पर ब्याज लगता रहता है और कर्ज तेजी से बढ़ जाता है। इससे धीरे-धीरे भुगतान करना मुश्किल हो सकता है। उपाय: कोशिश करें कि हर महीने पूरा कार्ड बिल चुका दें और सबसे ज्यादा ब्याज वाले कार्ड को पहले क्लियर करें।
लेट पेमेंट से बिगड़ता क्रेडिट स्कोर
अगर एक बार भी भुगतान समय से नहीं किया तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाएं आपके पेमेंट इतिहास को बहुत गंभीरता से देखती हैं। एक गलती सात साल तक आपकी रिपोर्ट में रह सकती है। उपाय: ऑटो-पेमेंट और रिमाइंडर सेट करके तारीख कभी न छूटने दें, और कम से कम न्यूनतम राशि समय पर चुकाएं।
ज्यादा खर्च और कम क्रेडिट स्कोर
ज्यादा बार कार्ड इस्तेमाल करने से स्कोर बढ़ता है ऐसा सोचना गलत है। अगर 30% से ज्यादा क्रेडिट लिमिट प्रयोग की तो बैंकों को रिस्क सिग्नल जाता है। उपाय: अपनी लिमिट का 30% से ज्यादा बकाया न रखें, इससे न सिर्फ स्कोर बचता है बल्कि कर्ज का दबाव भी घटता है।
रिवॉर्ड्स के लालच में ज्यादा खर्च
कैशबैक, रिवॉर्ड पॉइंट्स और एयर माइल्स के लालच में लोग क्रेडिट कार्ड से जरूरत से ज्यादा खर्च करने लगते हैं। यह 'रिवॉर्ड्स का भ्रम' धीरे-धीरे वित्तीय तनाव में बदल सकता है। उपाय: जितना खर्च चुकाने की क्षमता हो, उतना ही स्वाइप करें और रिवॉर्ड्स को बोनस के तौर पर देखें।
छुपे हुए चार्जेज से सतर्क रहें
क्रेडिट कार्ड में कई छुपे हुए शुल्क होते हैं जैसे वार्षिक शुल्क, लेट फीस, विदेशी ट्रांजैक्शन फी, लिमिट क्रॉस फीस आदि। यह अकसर रिवॉर्ड्स का पूरा फायदा खत्म कर देते हैं। उपाय: कार्ड लेने से पहले फाइन प्रिंट जरूर पढ़ें और हर महीने स्टेटमेंट ध्यान से देखें।
क्रेडिट कार्ड सही समझदारी और अनुशासन के साथ चलाएं तो यह आपकी फाइनेंस प्लानिंग में सहायक होगा। लेकिन जरा सी लापरवाही आपको भारी ब्याज, बकाया, और तनाव में डाल सकती है।