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म्यूचुअल फंड की इस स्कीम ने मंथली 10000 रुपये के सिप को 19 साल में 1.6 करोड़ बना दिया

आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंडिया जेननेक्स्ट फंड की शुरुआत अगस्त, 2005 में हुई थी। यह ओपन-एंडेड इक्विटी फंड है, जो कंजमप्शन थीम पर निवेश करता है। यह इंडिया में कामकाजी लोगों की बढ़ती संख्या, लोगों की बढ़ती इनकम और हाई वैल्यू स्पेंडिंग पैटर्न पर दांव लगाता है

अपडेटेड Oct 06, 2024 पर 10:11 PM
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आदित्य बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड की इस स्कीम ने अपने बेंचमार्क इंडेक्स से ज्यादा रिटर्न निवेशकों को दिया है।

अगर सिप से लंबी अवधि का निवेश किया जाए तो करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड तैयार किया जा सकता है। इक्विटी म्यूचुअल फंड की ऐसी कई स्कीमें हैं, जिन्होंने अनुशासन के साथ सिप से निवेश करने वाले निवेशकों को करोड़पति बनाए हैं। आदित्य बिड़ला सन लाइफ इंडिया जेननेक्स्ट फंड ऐसी ही स्कीम है। इसने हर महीने 10,000 रुपये का निवेश 19 साल तक करने पर 1.60 करोड़ रुपये का फंड तैयार किया है। हर महीने 10 हजार रुपये का मतलब एक साल में 1.20 लाख रुपये का निवेश है। इसका मतलब है कि 22.8 रुपये का निवेश 19 साल में 1.60 करोड़ रुपये बन गया।

अगस्त 2005 में शुरू हुई थी यह स्कीम

Aditya Birla Sun Life India GenNext Fund की शुरुआत अगस्त 2005 में हुई थी। यह ओपन-एंडेड इक्विटी फंड है, जो कंजमप्शन थीम पर निवेश करता है। यह इंडिया में कामकाजी लोगों की बढ़ती संख्या, लोगों की बढ़ती इनकम और हाई वैल्यू स्पेंडिंग पैटर्न पर दांव लगाता है। अगर इस फंड की शुरुआत के वक्त आनी अगस्त 2005 में एक लाख रुपये का निवेश किया गया होता तो वह आज बढ़कर 2.35 लाख रुपये हो गया होता। इस फंड का एक साल का सीएजीआर (CAGR) रिटर्न 17.68 फीसदी, 3 साल का 22.38 फीसदी और 5 साल का 18.84 फीसदी रहा है।


बेंचमार्के से ज्यादा रिटर्न

आदित्य बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड की इस स्कीम ने अपने बेंचमार्क इंडेक्स से ज्यादा रिटर्न निवेशकों को दिया है। निफ्टी इंडिया कंजम्प्शन टीआरआई इसका बेंचमार्क इंडेक्स है। इसका तीन साल का रिटर्न 21.78 फीसदी रहा है। इस फंड का प्रबंधन चंचल खंडेलवाल करते हैं। वह 2015 से इस फंड का प्रबंधन कर रहे हैं। यह फंड लंबी अवधि में कैपिटल की ग्रोथ चाहने वाले निवेशकों के बीच लोकप्रिय रहा है।

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थीमैटिक फंड में निवेश में रिस्क

यह एक थीम आधारित फंड है। थीम आधारित फंड में निवेश के अपने कुछ रिस्क होते हैं। उदाहरण के लिए ऐसे फंड के निवेश के लिए कंपनियों या सेक्टर का दायरा सीमित होता है। कई बार थीम से जुड़ी कंपनियों का प्रदर्शन खराब होने पर उसका असर फंड पर भी पड़ता है। इसलिए अगर आप इस फंड में निवेश करना चाहते हैं तो आपको अपने पर्सनल एडवाइजर की सलाह के बाद भी फैसला लेना चाहिए।

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