Traffic Challan: सरकार नए ट्रैफिक नियम बनाने जा रही है। ये नियम उन लोगों को भारी पड़ने वाले हैं, जो ट्रैफिक चालान नहीं भरते हैं। सरकार अब चालान न भरने वालों पर सख्ती करने जा रही है। आपने ट्रैफिक नियम तोड़ा और ई-चालान (ऑनलाइन ट्रैफिक फाइन) कट गया, तो उसे जल्दी भरना जरूरी होगा। आप ट्रैफिक नियमों का पालन नहीं करते और चालान का पेमेंट टालते हैं, तो अब आपके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अगर 90 दिन यानी तीन महीने के अंदर चालान नहीं भरा गया, तो आपका ड्राइविंग लाइसेंस (DL) सस्पेंड हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर किसी के एक साल में तीन चालान रेड लाइट जंप करने या स्पीड से गाड़ी चलाने के कारण कटे हैं, तो उनका लाइसेंस कम से कम तीन महीने के लिए जब्त हो सकता है।
बकाया चालान वालों का इंश्योरेंस होगा महंगा
सरकार की योजना है कि जिन लोगों के पिछले साल के कम से कम दो चालान पेंडिंग हैं, उनकी गाड़ी का इंश्योरेंस भी महंगा हो सकता है। मतलब अगर आपने समय पर चालान नहीं भरा, तो आगे गाड़ी का इंश्योरेंस करवाने पर ज्यादा पैसे देने पड़ सकते हैं।
ई-चालान पेमेंट को लेकर नया नियम
सरकार अब चालान भरने की प्रक्रिया को और पक्का और आसान बनाने के लिए कुछ नए नियम ला रही है। चालान कटने के 3 दिनों के अंदर आपको नोटिस मिलेगा। नोटिस मिलने के बाद 30 दिनों के अंदर चालान भरना होगा या आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं। अगर 30 दिन तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, तो यह माना जाएगा कि गलती आपकी ही है। 90 दिन तक चालान न भरने पर ड्राइविंग लाइसेंस (DL) या गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC) सस्पेंड कर दिया जाएगा। अगर आपको लगता है कि चालान गलत कटा है, तो आप ऑनलाइन शिकायत दर्ज कर सकते हैं। 30 दिन के अंदर इस पर फैसला होगा, वरना चालान खुद ही कैंसिल हो जाएगा।
ई-चालान भरने में कौन से राज्य सबसे पीछे?
देश के कई राज्यों में लोग चालान भरने में लापरवाही बरत रहे हैं। दिल्ली में सबसे कम केवल 14% चालान भरे जाते हैं। कर्नाटक में यह आंकड़ा 21%, तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में 27% और ओडिशा में 29% है। वहीं, राजस्थान, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और हरियाणा में चालान पेमेंट की दर 62% से 76% के बीच है।
पता और मोबाइल नंबर अपडेट करना होगा अनिवार्य
कई बार लोग अपना पता और मोबाइल नंबर बदल लेते हैं और ट्रैफिक चालान का मैसेज उन तक नहीं पहुंचता। इस समस्या को दूर करने के लिए सरकार 3 महीने का समय देने जा रही है, ताकि हर गाड़ी का मालिक अपना सही मोबाइल नंबर और पता अपडेट कर सके। इसके बाद बिना मोबाइल नंबर अपडेट किए PUC (पॉल्यूशन सर्टिफिकेट) नहीं मिलेगा। गाड़ी का इंश्योरेंस रिन्यू नहीं होगा। ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी नहीं हो पाएगा।