UPI यानि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस को अपनाने वाले देशों की फेहरिस्त में त्रिनिदाद एंड टोबैगो का नाम भी जुड़ गया। यह UPI को अपनाने वाला पहला कैरेबियाई देश बन गया है। भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो, डिजिटल डोमेन में आगे और सहयोग की संभावना तलाशेंगे। इसमें डिजिलॉकर, ई-साइन और सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) जैसे इंडिया स्टैक समाधानों का इंप्लीमेंटेशन भी शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3-4 जुलाई को त्रिनिदाद एंड टोबैगो की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर थे। पीएम मोदी ने UPI के एडॉप्शन पर त्रिनिदाद एंड टोबैगो को बधाई दी है। इसके साथ ही अब 8 देश UPI को अपना चुके हैं। त्रिनिदाद एंड टोबैगो के अलावा अन्य नाम फ्रांस, भूटान, मॉरीशस, नेपाल, सिंगापुर, श्रीलंका और UAE हैं। हालांकि यह सर्विस चुनिंदा मर्चेंट आउटलेट्स पर ही उपलब्ध है।
अन्य देशों द्वारा UPI एडॉप्शन के मायने
अन्य देशों की ओर से UPI को अपनाए जाने का मतलब है कि वे देश UPI को अपने फाइनेंशियल इकोसिस्टम में लागू या इंटीग्रेट कर रहे हैं। इसके तहत वे अपने नागरिकों और कारोबारों को लेनदेन के लिए UPI का इस्तेमाल करने की इजाजत देना शामिल है। ऐसा वे या तो भारतीय एंटिटीज के साथ मिलकर कर सकते हैं या फिर खुद की UPI जैसी प्रणाली विकसित कर सकते हैं। UPI एडॉप्शन वाले देशों में भारत से जाने वाले टूरिस्ट लोकल मर्चेंट्स को UPI बेस्ड ऐप्स जैसे गूगल पे, फोनपे आदि के जरिए भारतीय बैंक खाते से पेमेंट कर सकते हैं। इन देशों में रह रहे NRIs या वहां के लोकल नागरिक UPI की मदद से भारत में पैसा भेज सकते हैं।
पीएम मोदी की यात्रा के दौरान भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए 6 समझौते हुए हैं। कृषि, हेल्थकेयर और डिजिटल ट्रांजीशन, यूपीआई, क्षमता निर्माण और लोगों के बीच संपर्क जैसे क्षेत्रों में संभावित सहयोग पर चर्चा हुई। यह 1999 के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की त्रिनिदाद एंड टोबैगो की पहली द्विपक्षीय यात्रा है। भारत और त्रिनिदाद एंड टोबैगो ने 31 अगस्त 1962 को राजनयिक संबंध स्थापित किए थे। उसी साल इस कैरेबियाई राष्ट्र को आजादी मिली थी। देश ने अपने स्टेट लैंड रजिस्ट्रेशन सिस्टम के डिजिटाइजेशन और अपग्रेडेशन में भी भारत से सहयोग मांगा है।