अमेरिका में स्थायी निवास यानी ग्रीन कार्ड पाने की प्रक्रिया में जल्द ही बड़ा बदलाव होने जा रहा है। ट्रंप सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) द्वारा प्रस्तावित नए नियम जनवरी 2026 तक सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए आ सकते हैं। इन नियमों का मुख्य उद्देश्य रोजगार आधारित श्रेणियों के तहत ग्रीन कार्ड पाने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, आधुनिक और निष्पक्ष बनाना है, ताकि सच्चे में योग्य, निपुण और नवाचार से जुड़े विदेशी पेशेवरों को अमेरिका में काम करने का बेहतर मौका मिल सके।
नए नियमों के तहत असाधारण योग्यता वाले व्यक्तियों (Extraordinary Ability), उत्कृष्ट प्रोफेसर व शोधकर्ताओं (Outstanding Professors and Researchers), IT इंजीनियर, डॉक्टर, वैज्ञानिक व अन्य शोधकर्ता अधिक स्पष्ट मानकों के आधार पर ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन कर सकेंगे। सरकार का मानना है कि मौजूदा सिस्टम में साक्ष्य की व्याख्या अलग-अलग की जाती है, जिससे आवेदन प्रक्रिया असंगत हो जाती है। अब हर आवेदक को अपने दावों को साबित करने के लिए अधिक मजबूत और सटीक दस्तावेज देने होंगे।
पिछले वर्षों में बाइडेन प्रशासन ने O-1A वीजा और नेशनल इंटरेस्ट वेवर (NIW) श्रेणियों के तहत वैश्विक प्रतिभाओं को आकर्षित करने का प्रयास किया था। O-1A वीजा विज्ञान, शिक्षा, व्यवसाय या खेल में असाधारण उपलब्धियों वाले लोगों के लिए है, जबकि NIW के EB-2 वीजा श्रेणी के तहत यदि किसी का कार्य राष्ट्रीय हित में आता है तो उसके लिए स्थायी निवासप्राप्ति की प्रक्रिया सरल हो जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार, ट्रंप सरकार के नए नियम यदि लागू होते हैं तो भारतीय आईटी पेशेवरों, वैज्ञानिकों आदि को फायदा मिलेगा, लेकिन अधिक सख्त दस्तावेजों की जरूरत और स्पष्ट मानकों के कारण आवेदन प्रक्रिया थोड़ा कठोर भी हो सकती है। इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा जो वाकई असाधारण योग्यता रखते हैं और अमेरिका के नवाचार व प्रतिस्पर्धा में योगदान देना चाहते हैं।
अभी प्रस्तावित नियम का मसौदा जारी नहीं हुआ है, लेकिन जनवरी 2026 तक सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए लाया जाना तय माना जा रहा है। इसके बाद कंपनियां, विश्वविद्यालय और संगठन अपनी राय सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर सकेंगे।