मोतीलाल ओसवाल गोल्ड-सिल्वर पर बुलिश; ₹1.35 लाख तक जाएगा सोना, ₹2.30 लाख टच कर सकती है चांदी
Gold silver price: इस साल सोने और चांदी की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक, यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि सोना ₹1.35 लाख और चांदी ₹2.30 लाख तक पहुंच सकती है। जानिए किस वजह से गोल्ड और सिल्वर पर बुलिश है मोतीलाल ओसवाल।
सोने की सप्लाई घट रही है क्योंकि खनिज ग्रेड कम हो रहे हैं और उत्पादन लागत बढ़ रही है।
Gold silver price: दिग्गज ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि अगर मौजूदा रुझान जारी रहता है, तो सोने और चांदी की कीमतों में तगड़ा उछाल आ सकता है। मोतीलाल ओसवाल का यह अनुमान उस समय आया है जब सोने ने $4,000 प्रति औंस पार कर लिया है। वहीं, चांदी की कीमत साल की शुरुआत से अब तक 60% से ज्यादा बढ़ चुकी है। यह पिछले कुछ दशक की सबसे तेज रैलियों में से एक है।
कितना बढ़ेगा सोने और चांदी का भाव
भारत में MCX पर गोल्ड का रेट फिलहाल 1,26,650 रुपये प्रति 10 ग्राम है। वहीं, अंतरराष्ट्रीय बाजार में गोल्ड की स्पॉट प्राइस 4,241 डॉलर प्रति औंस है।
मोतीलाल ओसवाल का अनुमान है कि गोल्ड की कीमत COMEX पर $4,250-$4,500 प्रति औंस तक जा सकती हैं। वहीं, भारत में इसका भाव ₹1.28 लाख-₹1.35 लाख प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है। अगर चांदी की बात करें, तो यह COMEX पर $75 प्रति औंस और भारत में ₹2.30 लाख प्रति किलो तक पहुंच सकती है।
सोने और चांदी पर एक्सपर्ट की राय
Motilal Oswal के एनालिस्ट मानव मोदी का कहना है कि शॉर्ट टर्म में थोड़ी गिरावट आ सकती है, लेकिन लॉन्ग टर्म के हिसाब से रुझान मजबूत है। उन्होंने कहा, 'सोने और चांदी की कीमतों में थोड़ी गिरावट हो सकती है। लेकिन, सोना और चांदी सेंट्रल बैंक की खरीद, ETF इनफ्लो और एशिया की मजबूत मांग से सपोर्टेड हैं।'
इस बार एशिया बढ़ा रहा दाम
इस बार की रैली पिछले बुल रन से अलग है, जो अक्सर पश्चिमी संकटों से चलती थी। एशिया इस बार वैश्विक बुलियन मांग का केंद्र बन गया है। चीन, भारत, तुर्की और मध्य पूर्व के देश इसे सेफ-हेवन और रिजर्व के तौर पर खरीद रहे हैं।
जनवरी से सितंबर 2025 के बीच सेंट्रल बैंकों ने 600 टन सोना खरीदा, जबकि गोल्ड ETF में 450 टन का इनफ्लो हुआ, जो 2020 के बाद सबसे मजबूत स्तर है। भारत ने इसी अवधि में 300 टन सोना और 3,000 टन चांदी का आयात किया है।
मोतीलाल ओसवाल में कमोडिटीज और करेंसीज के रिसर्च हेड नवनीत दमानी का कहना है कि सेंट्रल बैंक की रणनीति बुलियन मार्केट को नया रूप दे रही है और लंबी अवधि की मांग को मजबूत कर रही है।
सोने-चांदी की क्यों बढ़ रही कीमत?
सोने और चांदी की कीमतों में 2025 में जोरदार तेजी देखने को मिली है। इसके पीछे कुछ अहम कारण हैं।
डॉलर इंडेक्स 100 के नीचे आ गया है। रुपया कमजोर हुआ है, जिससे सोना-चांदी का दाम भारत में ज्यादा बढ़ा।
अमेरिका में फेडरल रिजर्व की संभावित दर कटौती और कमजोर रोजगार डेटा ने गोल्ड-सिल्वर को सहारा दिया है।
जापान में राजनीतिक अनिश्चितता और चीन की सोने में वैश्विक भूमिका निभाने की तैयारी भी कीमतों को समर्थन दे रही है।
निवेशक बॉन्ड और जोखिम भरे एसेट से पैसा निकालकर सोना और चांदी में निवेश कर रहे हैं, जिससे तेजी और मजबूत हुई है।
भूराजनीतिक तनाव ने हमेशा की तरह गोल्ड और सिल्वर की डिमांड और प्राइस को बढ़ावा दिया है।
गोल्ड-सिल्वर की डिमांड-सप्लाई की स्थिति
सोने की सप्लाई घट रही है क्योंकि खनिज ग्रेड कम हो रहे हैं और उत्पादन लागत बढ़ रही है। साथ ही, पर्यावरण नियम सख्त हो गए हैं। रीसाइक्लिंग की रफ्तार भी धीमी है।
दूसरी ओर, चांदी की मांग सोलर, इलेक्ट्रिक व्हीकल और AI जैसी इंडस्ट्रीज में लगातार बढ़ रही है। यह लगातार पांचवें साल ग्लोबल सप्लाई डेफिसिट में है। गोल्ड-सिल्वर रेशियो साल की शुरुआत में 110 के करीब था, वह अब 81-82 तक आ गया है। यह इंडस्ट्रियल खरीद में मजबूती को दिखाता है।
दिवाली से पहले बाजार मजबूत
भारत में घरेलू मांग उच्च कीमतों के बावजूद मजबूत बनी हुई है। पिछले दस दिवाली सीजन में सात बार सोने की कीमत बढ़ी, और त्योहार से पहले की बढ़ोतरी अक्सर त्योहार के बाद की तुलना में ज्यादा रही।
सांस्कृतिक भावना और निवेशक उत्साह ने बाजार को सपोर्ट किया है। एक्सपर्ट का मानना है कि ऊंची कीमतों के बावजूद त्योहारी सीजन में गोल्ड और सिल्वर की मजबूत डिमांड बरकरार रहेगी।
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