Unified Pension Scheme: केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) से जुड़ा एक बड़ा अपडेट आया है। पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग (DoPPW) ने यह साफ कर दिया है कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी UPS के तहत नौकरी से इस्तीफा देता है, तो उसे इस योजना के तहत मिलने वाला अश्योर्ड पेंशन पेआउट यानी गारंटीड पेंशन का फायदा नहीं मिलेगा। हालांकि, कर्मचारी अपने अकाउंट में जमा पेंशन अमाउंट का हकदार होगा। वह रकम उसे लंप सम दी जाएगी।
इस्तीफा देने पर क्या होगा?
DoPPW ने 29 अक्टूबर 2025 को एक ऑफिस मेमोरेंडम जारी किया, जिसमें बताया गया कि जो कर्मचारी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के अंतर्गत लागू यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का विकल्प चुनते हैं, अगर वे इस्तीफा देते हैं तो उन्हें गारंटीड पेंशन नहीं मिलेगी।
मेमोरेंडम में कहा गया है कि अगर कोई कर्मचारी सरकारी सेवा या पद से इस्तीफा देता है, और उसका इस्तीफा पब्लिक इंटरेस्ट में वापस नहीं लिया जाता, तो UPS के तहत मिलने वाला अश्योर्ड पेआउट रद्द (forfeit) हो जाएगा।
भले ही गारंटीड पेंशन का अधिकार खत्म हो जाएगा, लेकिन कर्मचारी को उसके पेंशन खाते में जमा की गया पूरा अमाउंट (accumulated corpus) मिलेगा। यह रकम एकमुश्त यानी एकसाथ दी जाएगी, लेकिन इसका पेमेंट प्रोसेस इस्तीफे के 90 दिन बाद शुरू होगा। यानी जब कर्मचारी की सर्विस समाप्त मानी जाएगी और वह औपचारिक रूप से रिलीव हो जाएगा।
अगर इस्तीफे के बाद 90 दिन के भीतर मृत्यु हो जाए?
अगर कोई कर्मचारी इस्तीफा देने के 90 दिन के अंदर ही निधन हो जाता है, तो जमा पेंशन अमाउंट उसके कानूनी जीवनसाथी को दी जाएगी। अगर जीवनसाथी नहीं है, तो यह रकम उसके कानूनी उत्तराधिकारी (legal heir) को मिलेगी।
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) क्या है?
UPS केंद्र सरकार के 1 अप्रैल 2025 से लागू की गई एक नई योजना है, जो NPS के अंतर्गत एक वैकल्पिक ऑप्शन के तौर पर दी गई है। इसमें कर्मचारियों को तय शर्तों के आधार पर अश्योर्ड पेआउट मिलता है। यानी रिटायरमेंट के बाद तय पेंशन अमाउंट की गारंटी होती है। साथ ही इसमें NPS जैसी मार्केट-लिंक्ड सेविंग्स का लचीलापन भी शामिल है। इसे पारंपरिक पेंशन और मॉडर्न निवेश का मिक्स है।