Wedding loans: क्या आपको शादी के लिए पर्सनल लोन लेना चाहिए? समझिए फायदे और नुकसान
Wedding loans: भव्य शादी का सपना कई कपल्स को पर्सनल लोन तक ले जा रहा है। लेकिन कुछ दिनों की शान के बदले सालों की EMI कितना सही फैसला है? शादी का लोन राहत है या भविष्य की परेशानी, समझिए पूरा हिसाब।
पर्सनल लोन शादी के वक्त तुरंत राहत जरूर देता है, लेकिन यही कर्ज शादी के बाद कई सालों तक साथ चलता है।
Wedding loans: भारतीय शादियां हमेशा से भव्य रही हैं। कई दिन तक चलने वाले फंक्शन, दोनों परिवारों की रस्में, रंग बिरंगे कपड़े, संगीत, नाच और भावनाएं मिलकर शादी को एक बड़ा आयोजन बना देती हैं। इन आयोजनों के लिए परिवार सालों पहले से तैयारी करते हैं, अपनी जमा पूंजी खर्च करते हैं और कई बार कर्ज भी लेते हैं।
समस्या यह है कि वक्त के साथ शादियों का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है। महंगे वेन्यू, डिजाइनर कपड़े, लंबी गेस्ट लिस्ट और सोशल दिखावे ने शादी को एक भावनात्मक खुशी से ज्यादा आर्थिक चुनौती बना दिया है। यही वजह है कि अब कई कपल शादी के खर्च के लिए पर्सनल लोन लेने पर विचार करने लगे हैं।
शादी का लोन राहत या भविष्य का बोझ
पर्सनल लोन शादी के वक्त तुरंत राहत जरूर देता है, लेकिन यही कर्ज शादी के बाद कई सालों तक साथ चलता है। अगर आमदनी में स्थिरता नहीं रही, तो यह EMI रिश्ते और मानसिक शांति दोनों पर दबाव बना सकती है। इसलिए शादी के लिए लोन लेने से पहले अपनी फाइनेंशियल स्थिति को ईमानदारी से समझना बेहद जरूरी है।
सवाल सीधा है, क्या शादी के लिए लोन लेना समझदारी है या सिर्फ दिखावे की कीमत चुकाना। आइए इसका जवाब जानते हैं।
भारत में शादियां कितनी महंगी हो चुकी हैं
आज से करीब दस साल पहले के मुकाबले भारतीय शादियों का खर्च कई गुना बढ़ चुका है। एक सामान्य और सीमित बजट वाली शादी का खर्च भी अब 5 लाख से 20 लाख रुपये तक पहुंच गया है।
अपर मिडिल क्लास और अमीर परिवारों में डेस्टिनेशन वेडिंग और प्रीमियम शादियों का बजट 50 लाख से 1 करोड रुपये या उससे भी ज्यादा हो सकता है। ऐसे में बिना कर्ज के शादी करना कई परिवारों के लिए मुश्किल हो गया है।
शादी का लोन क्या होता है
असल में शादी के लिए कोई अलग से कानूनी लोन कैटेगरी नहीं होती। शादी के नाम पर जो लोन लिया जाता है, वह ज्यादातर अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन होता है, जो बैंक और NBFC देते हैं।
इस लोन में आपको यह बताने की जरूरत नहीं होती कि पैसा किस काम के लिए इस्तेमाल होगा। इसलिए लोग इसे शादी, ट्रैवल या अन्य खर्चों के लिए इस्तेमाल करते हैं।
पर्सनल लोन की मुख्य खासियतें
पर्सनल लोन में आमतौर पर कोई प्रॉपर्टी या एसेट गिरवी रखने की जरूरत नहीं होती।
आपकी आय, क्रेडिट स्कोर और जरूरत के हिसाब से 20 लाख रुपये या उससे ज्यादा का लोन मिल सकता है।
ब्याज दरें आमतौर पर 10 प्रतिशत से 25 प्रतिशत के बीच होती हैं।
लोन चुकाने की अवधि आमतौर पर 1 से 5 साल रखी जाती है।
दस्तावेज सीमित होते हैं और कई मामलों में 24 से 72 घंटे में पैसा खाते में आ जाता है।
शादी के लिए पर्सनल लोन देने वाले प्रमुख बैंक
Bank Name
ब्याज दर (सालाना)
प्रोसेसिंग फीस
State Bank of India
10.05% से 15.05%
अधिकतम 1.50% तक
HDFC Bank
9.99% से 24.00%
₹6,500 + GST
ICICI Bank
10.45% से 16.50%
अधिकतम 2% तक
Axis Bank
9.99% से 22%
लोन राशि का अधिकतम 2%
Kotak Mahindra Bank
10.99% से शुरू
अधिकतम 5% तक
IDFC First Bank
9.99% से शुरू
अधिकतम 2% तक
IndusInd Bank
10.49% से शुरू
अधिकतम 3.5% तक
Yes Bank
10.85% से 21%
अधिकतम 2.5% तक
Bank of Baroda
10.40% से शुरू
अधिकतम 2% तक
Bank of India
10.85% से शुरू
लोन राशि का 1% (न्यूनतम ₹2,500, अधिकतम ₹15,000)
Punjab National Bank
फ्लोटिंग: 10.60% से शुरू फिक्स्ड: 11.60% से शुरू
लोन राशि का 0.35%
IDBI Bank
11% से 15.50%
1.00%
Bank of Maharashtra
9.00%
अधिकतम 1% तक
बड़ी शादी या छोटी शादी का ट्रेंड
कोविड के बाद से छोटे फंक्शन, सीमित मेहमान और कोर्ट मैरिज का चलन तेजी से बढ़ा है। कई कपल अब शादी पर ज्यादा खर्च करने के बजाय घर खरीदने, निवेश या भविष्य की प्लानिंग को ज्यादा अहमियत दे रहे हैं।
बड़ी शादियां यादगार जरूर होती हैं, लेकिन अगर सही बजट और प्लानिंग न हो, तो यही यादें लंबे समय की आर्थिक परेशानी में बदल सकती हैं।
क्या बड़ी शादी के लिए पर्सनल लोन लेना चाहिए
शादी के लिए लिया गया पर्सनल लोन आमतौर पर 10 से 25 प्रतिशत ब्याज वाला होता है। इसका सीधा मतलब यह है कि 10 लाख रुपये का लोन आपको अंत में 12 से 14 लाख रुपये तक चुकाना पड़ सकता है। यानी शादी के कुछ दिनों की खुशी के बदले कई साल की EMI।
लोन लेने से पहले किन बातों पर जरूर सोचें
शादी एक हफ्ते की होती है, लेकिन EMI कई साल चलती है, जो घर खरीदने जैसे बड़े सपनों को टाल सकती है। ब्याज की वजह से कुल भुगतान काफी बढ़ जाता है, इसलिए EMI आपकी मासिक आय के 10 से 30 प्रतिशत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
अगर किसी वजह से EMI समय पर नहीं गई, तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है। आसान लोन मिलने से अक्सर लोग अपने बजट से ज्यादा खर्च कर बैठते हैं, जिससे तनाव और बढ़ जाता है।
कब शादी का लोन लेना समझदारी होगी?
अगर आपको शादी के खर्च का सिर्फ एक हिस्सा पूरा करने के लिए थोड़े समय के लिए पैसे की जरूरत है।
अगर आपकी आमदनी स्थिर है और EMI चुकाने की साफ योजना मौजूद है।
अगर आप पर पहले से कोई बड़ा आर्थिक बोझ नहीं है।
कम और मैनेजेबल लोन को समय पर चुकाने से युवाओं का CIBIL स्कोर भी बेहतर हो सकता है।
इससे भविष्य में कार या होम लोन सस्ते मिल सकते हैं।
लोन की EMI कपल की जॉइंट इनकम के 10 से 15 प्रतिशत के भीतर होनी चाहिए।
बड़ी शादी छोड़कर बची रकम का सही इस्तेमाल
अगर आप बड़ी शादी नहीं करते, तो वही पैसा आपकी जिंदगी की दिशा बदल सकता है। आप घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट जुटा सकते हैं। म्यूचुअल फंड या SIP जैसे निवेश लंबे समय में अच्छी ग्रोथ दे सकते हैं।
कुछ कपल छोटी शादी करके उस पैसे से यादगार हनीमून और अनुभव चुनते हैं। इमरजेंसी फंड बनाकर मेडिकल खर्च, नौकरी जाने या पारिवारिक संकट जैसी स्थितियों के लिए खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।