भारत में अधिकांश क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता 45 से 50 दिनों तक के ब्याज मुक्त काल का लाभ उठा सकते हैं, जो खरीदारी को बिना ब्याज के वित्तपोषित करने का शानदार तरीका है। यह अवधि लेन-देन की तारीख से भुगतान की अंतिम तिथि तक चलती है, लेकिन इसे समझने और सही ढंग से इस्तेमाल करने के लिए बिलिंग साइकिल की जानकारी जरूरी है।
बिलिंग साइकिल कैसे काम करता है?
क्रेडिट कार्ड का बिलिंग साइकिल आमतौर पर 28 से 31 दिनों का होता है, जो हर महीने की निश्चित तारीख से शुरू होकर अगले महीने की समान तारीख तक चलता है। उदाहरण के लिए, अगर आपका साइकिल 5 तारीख से शुरू होता है, तो 6 तारीख को की गई खरीदारी अगले महीने के बिल में आएगी और आपको लगभग 45 दिनों का ब्याज मुक्त समय मिलेगा। वहीं, बिलिंग डेट के ठीक पहले, जैसे 4 तारीख को खरीदारी करने पर यह अवधि घटकर 20 दिन से भी कम रह सकती है। इसलिए, बड़े खर्च月初 में करने से अधिकतम लाभ मिलता है।
यह ब्याज मुक्त लाभ तभी बरकरार रहता है जब आप बिल की पूरी राशि समय पर चुका दें। अगर न्यूनतम राशि का भुगतान भी करते हैं, तो ब्याज पूरे बैलेंस पर लगने लगता है, लेन-देन की मूल तारीख से ही। इससे जीएसटी और जुर्माना भी जुड़ जाता है, जो वित्तीय बोझ बढ़ा देता है। अनुशासन ही कुंजी है कार्ड को ऋण के रूप में न देखें, बल्कि सुविधा के औजार की तरह इस्तेमाल करें।
स्मार्ट उपयोग के व्यावहारिक तरीके
- समयबद्ध खरीदारी: बिलिंग साइकिल की शुरुआत में बड़े खरीद करें, जैसे वेतन आने के बाद, ताकि कैश फ्लो आसानी से मैनेज हो।
- एकाधिक कार्डों का लाभ: अलग-अलग बिलिंग डेट वाले कार्डों पर खर्च बांटें। एक कार्ड के ड्यू डेट के बाद दूसरे का उपयोग करें।
- नकदी निकासी से बचें: कैश एडवांस पर ब्याज मुक्त अवधि लागू नहीं होती, इसलिए इसे टालें।
ये रणनीतियां वेतनभोगी कर्मचारियों, परिवारों और छोटे व्यवसायों के लिए उपयोगी हैं, जो बड़े खर्चों को बिना ब्याज के फैला सकते हैं।
अपने कार्ड के बिलिंग डेट और ड्यू डेट को नोट करें, ऐप या ईमेल अलर्ट सेट करें। पुराने बिल का भुगतान पूर्ण करने के बाद नई खरीदारी करें। इस तरह, क्रेडिट कार्ड आपकी वित्तीय आजादी का साथी बनेगा, न कि बोझ। कुल मिलाकर, जागरूकता से यह 45 दिवसीय विंडो नकदी प्रबंधन में क्रांति ला सकती है।