Explainer: न्यू टैक्स रीजीम में कैसे टैक्स फ्री होगी ₹14.65 लाख तक की सैलरी? समझिए पूरा कैलकुलेशन

क्या 14.65 लाख की सैलरी पर भी टैक्स जीरो हो सकता है? नए टैक्स नियम में सिर्फ तीन छूटों से आप पूरा टैक्स बचा सकते हैं। जानिए कौन-सी हैं ये छूट और कैसे घटेगी आपकी टैक्सेबल इनकम।

अपडेटेड May 14, 2025 पर 5:29 PM
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अगर आपकी एनुअल CTC 14.65 लाख रुपये है, तो आप ज्यादा माथापच्ची किए बिना भी अपनी टैक्स देनदारी को शून्य कर सकते हैं।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए सभी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं। ITR फाइल करने का प्रोसेस भी जल्द शुरू होने की उम्मीद है। सैलरीड क्लास भी टैक्स देनदारी कम करने के प्लान में लगा है। हालांकि, अगर आपकी एनुअल CTC ₹14.65 लाख  है, तो आप ज्यादा माथापच्ची किए बिना भी अपनी टैक्स देनदारी को शून्य कर सकते हैं।

कैसे शून्य होगी टैक्स देनदारी?

Taxbuddy के मुताबिक, मान लीजिए किसी कर्मचारी की CTC 14.65 लाख रुपये है। इसमें से 50% हिस्सा बेसिक सैलरी होता है और बाकी 50% अलग-अलग भत्तों व अन्य मदों में बांटा गया है। टैक्स डिडक्शन का कैलकुलेशन बेसिक सैलरी को आधार मानकर की जाती है। इसमें डिडक्शन का ब्रेकअप इस प्रकार है:


EPF अंशदान पर छूट: कंपनी अगर बेसिक सैलरी का 12% कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में जमा करती है, तो यह राशि टैक्स छूट के दायरे में आती है। यह रकम ₹87,900 रुपये होगी।

NPS में कंपनी योगदान पर छूट: कंपनी का NPS में 14% योगदान भी टैक्स फ्री माना जाता है, धारा 80CCD(2) के तहत। यह रकम ₹1,02,550 होती है।

स्टैंडर्ड डिडक्शन: न्यू टैक्स रीजीम में ₹75,000 का मानक डिडक्शन सभी वेतनभोगियों को उपलब्ध है। यानी यह रकम सीधे आपके टैक्स देनदारी से कम हो जाएगी।

इन सभी डिडक्शनों को मिलाने के बाद कर्मचारी की टैक्सेबल इनकम घटकर ₹11,99,550 रह जाती है। चूंकि, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में 12 लाख रुपये तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया गया है, ऐसे में इस कर्मचारी पर कोई आयकर देनदारी नहीं बनेगी।

यहां ध्यान देने वाली बात है कि नई कर व्यवस्था में धारा 80CCD(2) के तहत कंपनी के NPS योगदान पर डिडक्शन की अनुमति है। वहीं EPS यानी कर्मचारी पेंशन योजना भी 80CCD(1) के अंतर्गत टैक्स छूट के दायरे में आती है। हालांकि, आपके कंट्रीब्यूशन पर टैक्स छूट नहीं मिलेगी।

टैक्स छूट न होने की स्थिति में देनदारी कितनी होती?

अगर ये सभी छूटें लागू न होतीं, तो 14.65 लाख रुपये की सैलरी पर न्यू टैक्स रिजीम के अनुसार कुल ₹88,500 तक की आयकर देनदारी बनती। आइए इस टैक्स कैलकुलेशन का हिसाब भी समझ लेते हैं:

  • ₹4–8 लाख की आय पर 5% = ₹20,000 टैक्स
  • ₹8–12 लाख की आय पर 10% = ₹40,000 टैक्स
  • ₹12–14.65 लाख की आय पर 15% = ₹28,500 टैक्स (स्टैंडर्ड डिडक्शन के बाद)

यह भी पढ़ें : Old vs New Tax Regime: पुराने और नए टैक्स रीजीम में क्या है अंतर, किसे चुनना रहेगा फायदेमंद?

नोट: यह टैक्स कैलकुलेशन कुछ खास मानकों को आधार पर बनाकर की गई है। आपकी सैलरी स्ट्रक्चर के हिसाब से टैक्स देनदारी अलग हो सकती है।

Suneel Kumar

Suneel Kumar

First Published: May 14, 2025 4:58 PM

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