भारतीय सनातन संस्कृति में हर अमावस्या खास होती है, लेकिन आषाढ़ अमावस्या को विशेष रूप से आध्यात्मिक शुद्धि और पितृ तृप्ति का दिन माना गया है। इसे हलहारिणी अमावस्या भी कहा जाता है, जो कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि पर आती है। ये दिन उन लोगों के लिए बेहद फलदायी माना गया है जो जीवन में नकारात्मकता, आर्थिक संकट या मानसिक तनाव से गुजर रहे होते हैं। ये सिर्फ व्रत-पूजन का दिन नहीं, बल्कि नए सिरे से जीवन को सकारात्मक दिशा देने का अवसर है। पूर्वजों की आत्मा को शांति देने वाले कर्म, शनि और कालसर्प दोष जैसी ग्रह बाधाओं से राहत दिलाने वाले उपाय और आत्मिक शक्ति बढ़ाने वाले छोटे-छोटे कर्म इस दिन को बेहद खास बनाते हैं।
इस वर्ष आषाढ़ अमावस्या 25 जून 2025, बुधवार को पड़ रही है — आइए जानें वो सरल उपाय जो आपके जीवन में सुख-शांति ला सकते हैं।
अगर घर में अक्सर तनाव, कलह और आर्थिक रुकावटें बनी रहती हैं, तो संभव है कि पितृ दोष हो। इस अमावस्या पर ब्राह्मण को भोजन कराएं और साथ ही गाय, कुत्ते और चींटियों को अन्न दें। माना जाता है कि ऐसे करने से पूर्वजों को प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से घर में सुख-शांति लौटती है।
शनि की महादशा या साढ़ेसाती जीवन में बाधाओं का पहाड़ खड़ा कर सकती है।
इस दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं और हनुमान चालीसा का पांच बार पाठ करें। यह उपाय शनि के अशुभ प्रभावों को शांत करने और मानसिक शांति लाने में कारगर माना जाता है।
कालसर्प दोष के कारण जीवन में बार-बार रुकावटें आती हैं — चाहे वो नौकरी हो, संतान सुख हो या आर्थिक संकट। आषाढ़ अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन की मूर्ति की पूजा करें और शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। यह उपाय आपके ग्रहों की स्थिति को संतुलित करने और बाधाएं दूर करने में सहायक माना गया है।
कई बार जीवन में बिना कारण ही समस्याएं आती रहती हैं, जो हमारे पूर्व जन्म या वर्तमान के पापों का परिणाम हो सकती हैं। इस दिन आटे में थोड़ी सी चीनी मिलाकर काली चींटियों को खिलाएं। यह छोटा लेकिन गहरा उपाय न सिर्फ पापों से मुक्ति दिलाता है बल्कि मन और आत्मा को भी शुद्ध करता है।
अगर लंबे समय से पैसों की तंगी बनी हुई है और आमदनी टिक नहीं पा रही, तो आषाढ़ अमावस्या का दिन खास है। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं और उसकी सात परिक्रमा करें। इस सरल अनुष्ठान से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धीरे-धीरे धन-लाभ के रास्ते खुलते हैं।
अमावस्या का दिन समाधान का अवसर
आषाढ़ अमावस्या केवल तिथियों का खेल नहीं, बल्कि यह आत्मा, श्रद्धा और समाधान का अवसर है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि कुछ मिनट की सच्ची आस्था और कुछ कर्मों की करुणा हमारे जीवन की दिशा बदल सकती है। इस पावन दिन पर श्रद्धा से किए गए उपाय हमें नकारात्मकता से निकालकर दिव्यता और संतुलन की ओर ले जाते हैं।
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