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Bhadrapad Amavasya 2025: पितृ शांति के लिए खास है ये तिथि, जानिए पिठोरी अमावस्या की सही तारीख 22 या 23 अगस्त

Bhadrapad Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या का बहुत महत्व है। यह दिन पितरों की पूजा के लिहास से काफी अहम माना जाता है। भाद्रपद मास की अमावस्या को पाठोरी अमावस्या या कुशग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं। इस बार इसकी सही तिथि को लेकर असमंजस है। आइए जानें सही तारीख

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 22, 2025 पर 10:42 AM
Bhadrapad Amavasya 2025: पितृ शांति के लिए खास है ये तिथि, जानिए पिठोरी अमावस्या की सही तारीख 22 या 23 अगस्त
भाद्रपद अमावस्या को पिठोरी और कुशग्रहणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

Bhadrapad Amavasya 2025: भाद्रपद मास में पड़ने वाली अमावस्या की तिथि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये दिन यूं भी पितरों को समर्पित होता है। भाद्रपद अमावस्या की बात करें तो, इस दिन भी पितरों का तर्पण, श्राद्ध और दान-पुण्य किया जाता है। भाद्रपद अमावस्या को पठोरी अमावस्या और कुशग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं। इस बार ये अमावस्या 23 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन शनिवार होने की वजह से इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जा रहा है। इससे भाद्रपद अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन शनि देव की पूजा के साथ पितरों की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद और शनिदोष से भी छुटकारा मिलता है। ये अमावस्या पितरों के लिए स्नान, दान और तर्पण के लिए बेहद उत्तम मानी जाती है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।

सही तिथि है 23 अगस्त

भाद्रपद अमावस्या 23 अगस्त 2025, शनिवार के दिन होगी। भाद्रपद अमावस्या का प्रारंभ 22 अगस्त की सुबह 11:55 बजे होगा और समाप्ति 23 अगस्त की सुबह 11:35 बजे होगी। उदया तिथि मिलने की वजह से यह तिथि शनिवार को मानी जाएगी।

स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

इस दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 4.26 बजे से 5.10 बजे तक रहेगा।

कुशग्रहणी अमावस्या का महत्व

हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद अमावस्या के दिन धार्मिक कार्यों के लिये कुशा एकत्रित करने की परंपरा है। इस दिन एकत्रित की गई कुशा शुभ फलदायी मानी जाती है इसलिए इसे कुशग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं। माना जाता है कि भाद्रपद अमावस्या सोमवार के दिन हो तो इस दिन एकत्रित किए गए कुशा का उपयोग 12 सालों तक किया जा सकता है। पौराणिक ग्रंथों में इस अमावस्या का एक नाम कुशोत्पाटिनी अमावस्या भी बताया गया है।

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