Bhadrapad Amavasya 2025: भाद्रपद मास में पड़ने वाली अमावस्या की तिथि का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ये दिन यूं भी पितरों को समर्पित होता है। भाद्रपद अमावस्या की बात करें तो, इस दिन भी पितरों का तर्पण, श्राद्ध और दान-पुण्य किया जाता है। भाद्रपद अमावस्या को पठोरी अमावस्या और कुशग्रहणी अमावस्या भी कहते हैं। इस बार ये अमावस्या 23 अगस्त को पड़ रही है। इस दिन शनिवार होने की वजह से इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहा जा रहा है। इससे भाद्रपद अमावस्या का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन शनि देव की पूजा के साथ पितरों की पूजा करने से पितरों का आशीर्वाद और शनिदोष से भी छुटकारा मिलता है। ये अमावस्या पितरों के लिए स्नान, दान और तर्पण के लिए बेहद उत्तम मानी जाती है। इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनका आशीर्वाद मिलता है।