Hartalika Teej vrat: कब मनाई जाएगी हरतालिका तीज? जानें व्रत का महत्व और पूजा का सही समय

Hartalika Teej vrat: हरितालिका तीज व्रत इस साल 26 अगस्त को रखा जाएगा। भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाने वाला यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं और प्रदोष काल में पूजा करती हैं

अपडेटेड Aug 22, 2025 पर 12:36 PM
Story continues below Advertisement
Hartalika Teej vrat: हरितालिका तीज सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि परिवारिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है।

इस साल हरितालिका तीज का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा। यह व्रत भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है और खासतौर पर महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सबसे पहले यह व्रत रखा था। तभी से महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुखी दांपत्य जीवन की कामना के लिए यह व्रत करती आ रही हैं। इस दिन महिलाएं सजधज कर माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं और पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। येे व्रत सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं, बल्कि वैवाहिक जीवन के प्रेम और समर्पण को भी दर्शाता है। हरितालिका तीज का व्रत प्रदोष काल में पूजा करने से विशेष फलदायी माना जाता है।

व्रत के नियम क्या हैं?

हरितालिका तीज का व्रत निर्जला रखा जाता है। इसका मतलब है कि व्रत रखने वाली महिलाएं पूरे दिन न तो खाना खाती हैं और न ही पानी पीती हैं। हालांकि, अगर किसी महिला की सेहत इसकी अनुमति नहीं देती या पहली बार व्रत रखा जा रहा है, तो वे सूर्यास्त के बाद या रात 12 बजे के बाद पानी पी सकती हैं।


व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें?

इस व्रत के दौरान सोना वर्जित माना जाता है। व्रत रखने वाली महिलाओं को पूरे दिन भगवान शिव और माता पार्वती के नाम का जाप करना चाहिए। ये व्रत तृतीया तिथि से शुरू होता है और अगले दिन चतुर्थी के सूर्योदय तक चलता है।

पूजा की सही विधि

हरितालिका तीज पर पूजा के लिए मिट्टी की मूर्तियों का उपयोग किया जाता है। भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है। महिलाएं माता पार्वती को सुहाग का सामान अर्पित करती हैं। इस दिन महिलाएं वही श्रृंगार करती हैं जो मायके से साड़ी, बिंदी, मेहंदी और आलता के रूप में आता है।

प्रदोष काल का महत्व

हरितालिका तीज की पूजा प्रदोष काल में करना बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस समय की गई पूजा से भगवान शिव और माता पार्वती विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

व्रत का महत्व

हरितालिका तीज सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि परिवारिक और सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। ये व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने के साथ-साथ घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने वाला माना जाता है।

डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सामग्री जानकारी मात्र है। हम इसकी सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता का दावा नहीं करते। कृपया किसी भी कार्रवाई से पहले विशेषज्ञ से संपर्क करें।

Bhadrapad Amavasya 2025: पितृ शांति के लिए खास है ये तिथि, जानिए पिठोरी अमावस्या की सही तारीख 22 या 23 अगस्त

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Aug 22, 2025 12:02 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।