Jitiya Vrat 2025: हिंदू धर्म जीतिया का व्रत संतान की खुशहाली और लंबी उम्र के लिए किया जाता है और इसका विशेष महत्व है। हर साल आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महिलाएं निर्जला उपवास करती हैं। जीतिया व्रत की शुरुआत आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि को नहाय खाय से होती है। इस दिन शाम को महिलाएं भोजन और जल ग्रहण करती हैं, इसके बाद सीधे नवमी तिथि को व्रत का पारण करने के बाद, तकरीबन 36 घंटों तक निर्जला रहने के बाद ही कुछ खाती हैं। इसलिए इसे हिंदू धर्म के सबसे कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। इसे मुख्य रूप से यूपी, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में किया जाता है। इस साल जीतिया का मुख्य व्रत 14 सितंबर को, जबकि नहाय खाय 13 सितंबर को किया जाएगा। इस व्रत में सोने या चांदी के जीतिया के लॉकेट पहनने की खास परंपरा है। आइए जानें क्या है ये परंपरा और इसका महत्व?