Maha Bharani Shraddha 2025: इस समय लगेगा भरणी नक्षत्र, इसमें श्राद्ध करने पर मिलेगा गया जी के बराबर पुण्य

Maha Bharani Shraddha 2025: पितृ पक्ष की अवधि में महाभरणी श्राद्ध का बहुत महत्व माना गया है। इस दिन श्राद्ध करने से गया जी में श्राद्ध करने के बराबर पुण्य मिलता है। आज पितृ पक्ष की दो तिथियों चतुर्थी और पंचमी का श्राद्ध होगा। इसके साथ ही भरणी नक्षत्र का संयोग भी मिल रहा है।

अपडेटेड Sep 11, 2025 पर 12:21 PM
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आज लग रहा है भरणी नक्षत्र, इसमें श्राद्ध कर्म बहुत फलदायी होता है।

Maha Bharani Shraddha 2025: पितृ पक्ष में महाभरणी श्राद्ध का विशेष स्थान माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन श्राद्ध करने से गया में किए गए श्राद्ध के बराबर पुण्य फल मिलता है। संयोग से ये दिन आज मिल रहा है। पितृ पक्ष आमतौर से 15-16 दिनों का होता है, लेकिन इस बार दो तिथियों का नुकसान होने की वजह से चतुर्थी और पंचमी तिथि का श्राद्ध आज के दिन किया जा रहा है। इसके साथ ही आज महाभरणी नक्षत्र का संयोग भी मिल रहा है। इसलिए इस दौरा न किए जाने वाले श्राद्ध का महत्व बढ़ जा रहा है।

चतुर्थी और पंचमी श्राद्ध का मुहूर्त

महाभरणी श्राद्ध 2025 गुरुवार, 11 सितंबर को होगा। इसी दिन पंचमी तिथि का श्राद्ध और महाभरणी अनुष्ठान किया जाएगा।

कुटुप मुहूर्त : सुबह 11:30 बजे से दोपहर 12:19 बजे तक

रौहिणा मुहूर्त : दोपहर 12:19 बजे से दोपहर 01:09 बजे तक

भरणी नक्षत्र समय : 11 सितंबर को दोपहर 01:58 बजे से 12 सितंबर को दिन में 11:58 बजे तक


क्या है महाभरणी श्राद्ध

भरणी श्राद्ध को महाभरणी श्राद्ध भी कहा जाता है। पितृ पक्ष के दौरान भरणी नक्षत्र का अत्‍यधिक महत्‍व है क्‍योंकि इसके स्‍वामी मृत्‍यु के देवता यमराज हैं। इसलिए भरणी श्राद्ध को तर्पण करने से गया में श्राद्ध करने जितना ही फल मिलता है। पितृ पक्ष के दौरान भरणी नक्षत्र आमतौर पर चतुर्थी तिथि या फिर पंचमी तिथि को पड़ता है। मगर, कई बार ये तृतीया तिथि पर भी लगा है, इसिलए ये भरणी श्राद्ध किसी एक तिथि से जुड़ा हुआ नहीं है।

गया जी में श्राद्ध का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किया बिहार के गया जी तीर्थ में श्राद्ध करने से पितरों को तीर्थयात्रा के बराबर फल मिलता है। यह श्राद्ध पितृ दोष और कालसर्प दोष से मुक्ति दिलाता है। इस दिन खासतौर से उन पूर्वजों का श्राद्ध जरूर करना चाहिए जिनकी इच्छाएं अधूरी रह गई हों। इससे उन्हें भी शांति मिलती है। इसलिए महाभरणी श्राद्ध पितरों की आत्मा की शांति और परिवार के कल्याण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

इस तरह करें महाभरणी श्राद्ध

महाभरणी श्राद्ध के लिए दक्षिणमुख होकर तर्पण करना चाहिए। तिल, जल, कुशा, चावल, घी और जौ के आटे से बने पिंड अर्पित किए जाते हैं। इसके बाद ब्राह्मणों को भोजन व दक्षिणा देकर अन्न, वस्त्र और जरूरी चीजों का दान करना अच्छा माना जाता है।

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First Published: Sep 11, 2025 11:12 AM

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