Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक के महीने का विशेष स्थान है। ये पूरा महीना धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसमें दिवाली और छठ जैसे बड़े और प्रमुख त्योहार मनाए जाते हैं। इस महीने का समापन कार्तिक पूर्णिमा के साथ होता है। कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं और इस दिन देव दीपावली और गुरु नानक जयंती भी मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी-देवता गंगा स्नान के लिए धरती पर आते हैं। हिंदू धर्म में अन्य महीनों की पूर्णिमा तिथि भगवान श्रीहरि विष्णु और माता लक्ष्मी को समर्पित होती है। लेकिन, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु के साथ देवों के देव महादेव की भी पूजा की जाती है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन देवी-देवता धरती पर गंगा स्नान के लिए आते हैं, इसलिए इस दिन गंगा मां के आसपास ढेरों दीपक जलाकर देव दिवाली मनाई जाती है। दिन भगवान विष्णु के साथ भगवान शिव की भी पूजा का विधान है, इसलिए इस दिन को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस साल कार्तिक पूर्णिमा का पर्व 5 नवंबर को होगा। कार्तिक पूर्णिमा पर व्रत करने वाले भक्त इसी दिन उपवास करेंगे। आइए जानें इस दिन गंगा स्नान का मुहूर्त और पूजा विधि
कार्तिक पूर्णिमा गंगा स्नान का मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 04 नवंबर 2025 को रात 10:36 बजे होगी और अगले दिन 05 नवंबर 2025 को शाम 6:48 बजे समाप्त होगी।
गंगा स्नान मुहूर्त - सुबह 04:52 से सुबह 5:44 तक
प्रदोषकाल देव दीपावली मुहूर्त - शाम 05:15 से रात 07:5 मिनट तक
कार्तिक पूर्णिमा पूजा विधि