Kharmas 2025: खरमास लगभग 30 दिनों का ऐसा समय है, जिसमें मांगलिक कार्य और नया काम करने की मनाही रहती है। इस दौरान शादी, मुंडन, जनेऊ, नया घर या गृहप्रवेश और नया कारोबार, नई गाड़ी जैसी चीजें खरीदना भी शुभ नहीं माना जाता है। दरअसल, सूर्य हर माह राशि परिवर्तन करते हैं। सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है। राशि परिवर्तन करते हुए सूर्य जब बृहस्पति की राशि मीन या धनु में जाते हैं, तो खरमास लगता है। इस राशि में सूर्य कमजोर होते हैं, इसलिए खरमास के दौरान शुभ कार्यों पर रोक रहती है।
खरमास के दौरान मांगलिक कार्यों के कारक ग्रह सूर्य और बृहस्पति दोनों की शक्ति क्षीण हो जाती है। इसलिए इस दौरान शादी जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। नए काम शुरू करना या नई चीजों की खरीदारी भी शुभ नहीं मानी जाती है। लेकिन पूजा-पाठ और दान में कोई रोक नहीं होती है। इस दौरान सोना-चांदी की खरीदारी पर भी कुछ नियम बताए गए हैं। आइए जानें इनके बारे में
खरमास में सोना-चांदी खरीदने के नियम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सोना सूर्य का सूचक है और चांदी चंद्रमा की। जब सूर्य बृहस्पति की राशि में जाते हैं तो इससे सूर्य की चाल धीमी हो जाती है और अन्य ग्रह भी अशुभ स्थिति में आ जाते हैं। ऐसे में सोना-चांदी खरीदना सूर्य और चंद्रमा दोनों ग्रहों को कुंडली में और भी कमजोर करने का काम करते हैं। खरमास में सोना और चांदी खरीदने की मनाही नहीं होती है, लेकिन इस समय को अशुभ माना जाता है। ऐसे में, खरमास में इन सब वस्तुओं को खरीदने से इनसे लाभ के बजाय हानि मिल सकती है।