Kharmas Kab Lagega 2025 Date: हिंदू धर्म में खरमास की अवधि का बहुत महत्व है। ये पूरे एक माह की अवधि होती है, जिसमें शादी, मुंडन या जनेऊ जैसे मांगलिक कार्य नहीं होते हैं। ये कार्य दोबारा खरमास का समय समाप्त होने के बाद ही शुरू होते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास साल में दो बार लगता है। एक बार जब सूर्य देव गुरु की राशि धनु में गोचर करते हैं और दूसरी बार जब वो गुरु की ही राशि मीन में गोचर करते हैं। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ऐसा दिसंबर और मार्च के महीनों में होता है। नवंबर का महीना शुरू हो चुका है और इसके बाद साल का अंतिम महीना यानी दिसंबर शुरू होगा, जिसमें खरमास लग जाएगा। आइए जानें कब से होगी इसकी शुरुआत
इस दिन से शुरू होगा खरमास
पंचांग के अनुसार, सूर्य देव धनु राशि में 16 दिसंबर दिन मंगलवार को प्रात: 04 बजकर 27 मिनट पर गोचर करेंगे। सूर्य के धनु में प्रवेश करने के साथ ही खरमास लग जाएगा। खरमास पूरे एक माह तक रहता है। सूर्य देव जब मकर राशि में गोचर करेंगे, तो खरमास खत्म होगा। उस समय सूर्य की मकर संक्रांति होगी। मकर संक्रांति पर खरमास का समापन होगा। ऐसे में सूर्य देव मकर राशि में बुधवार, 14 जनवरी 2026 को दोपहर 03:13 बजे गोचर करेंगे। इस तरह खरमास का समापन 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के दिन होगा।
पूरे एक माह बंद रहेंगे शुभ कार्य
16 दिसंबर 2025 से लेकर 13 जनवरी 2026 तक खरमास चलेगा। 14 जनवरी 2026 को खरमास खत्म होगा। इस वजह से करीब एक माह तक कोई भी शुभ काम नहीं होंगे।
खरमास में क्यों नहीं होते शुभ कार्य?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, खरमास के समय में सूर्य की गति धीमी होती है और देव गुरु बृहस्पति की शक्तियां और शुभता में कमी आ जाती है। इस वजह से खरमास में शुभ कार्य नहीं करते हैं। शुभ कार्यों को करने के लिए सूर्य पूर्ण से रूप से गतिमान होने चाहिए और देव गुरु बृहस्पति अपनी संपूर्ण शक्तियों के साथ शुभता प्रदान करने की स्थिति में होने चाहिए।