Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष मास को हिंदू धर्म में सभी महीनों में सबसे उत्तम माना गया है। इसकी खासियतों के बारे में खुद भगवान कृष्ण में गीता में बताया है। इसके अलावा इस माह को उनका प्रिय मास भी कहा जाता है। इस माह से भगवान विष्णु चार माह की योग निद्रा से जागने के बाद सृष्टि के संचालन का कार्यभार फिर से संभालते हैं। इस माह की अमावस्या को पितरों की शांति के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस साल अगहन मास की अमावस्या 20 नवंबर के दिन मनाई जाएगी। इस दिन दीपक से जुड़े कुछ उपाय करने पर जीवन से कई परेशानियां दूर होती हैं और सकारात्मकता आती है। आइए जानें इन उपायों के बारे में
मार्गशीर्ष अमावस्या की तारीख
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि 19 नवंबर दिन बुधवार को प्रात: 9:43 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। इस तिथि का समापन 20 नवंबर दिन गुरुवार को दोपहर 12:16 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर मार्गशीर्ष अमावस्या 20 नवंबर गुरुवार को है।
पीपल के पास जलाएं सरसों के तेल का दीपक
इस दिन शाम को पीपल के वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का एक दीपक जलाने से पितृ दोष शांत होता है। मान्यता है कि पीपल में सभी देवी-देवताओं और पितरों का वास होता है। ऐसा करने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन का अंधकार दूर होता है।
इस दिन घर के मुख्य द्वार के दोनों ओर घी के दो दीपक जलाएं। दीपक लगाते समय मन में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु का ध्यान करें। इस उपाय को करने घर में सकारात्मकता और स्थाई लक्ष्मी का आगमन होता है। साथ ही इससे आर्थिक तंगी दूर होती है।
तुलसी की मंजरी का दीपक भगवान विष्णु के सामने रखें
मार्गशीर्ष माह में भगवान कृष्ण और तुलसी पूजा का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष अमावस्या पर घर के मंदिर में भगवान विष्णु के सामने तुलसी की मंजरी डालकर एक दीपक जलाएं। इस उपाय को करने से जीवन में खुशहाली आती है और रोग-दोष से मुक्ति मिलती है।
इस दिन सूर्यास्त के बाद शनि से जुड़ी मुश्किलें दूर करने के लिए शनि देव को समर्पित तिल के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से जीवन से सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियां दूर हो जाती हैं।
इस दिन पवित्र नदी के पास आटे का दीपक बनाकर उसमें घी या तेल डालकर प्रवाहित करें। इस उपाय को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में शुभता आती है।