Margashirsha Amavasya 2025: हर माह की अमावस्या तिथि को पितृ शांति के लिए बहुत अहम माना जाता है। इस दिन पितरों के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, जो पितरों के देव हैं। अगहन मास की अमावस्या का इस अनुष्ठान में बहुत महत्व है। इस दिन व्रत और दान करने से सुख-समृद्धि और शांति आती है। साथ ही, पितरों का आशीर्वाद भी मिलता है। आइए जानें मार्गशीर्ष माह की अमावस्या तिथि कब होगी और इस दिन पितृ शांति के लिए क्या उपाय करने चाहिए।
पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष अमावस्या की शुरुआत 19 नवंबर को सुबह 09 बजकर 43 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 20 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में 20 नवंबर को मार्गशीर्ष अमावस्या मनाई जाएगी।
सूर्योदय और सूर्यास्त का समय
सूर्योदय: प्रातः 06 बजकर 38 मिनट पर
ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 53 मिनट से 05 बजकर 45 मिनट तक
विजय मुहूर्त - दोपहर 01 बजकर 55 मिनट से 02 बजकर 39 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त - शाम 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 01 मिनट तक
ॐ पितृ गणाय विद्महे जगतधारिणे धीमहि तन्नो पित्रो प्रचोदयात्।
ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च
नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम: