Margashirsha Amavasya 2025: हमेशा के लिए पितृ दोष का करना है निवारण तो मार्गशीर्ष अमावस्या पर करें ये आसान उपाय

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष अमावस्या की तिथि हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। पितृ दोष से परेशान चल रहे लोग इस दिन कुछ आसान उपाय कर लें तो उन्हें इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा मिल जाता है। आइए जानें अमावस्या की तारीख और इस दिन करने वाले उपाय

अपडेटेड Nov 17, 2025 पर 4:35 PM
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अगहन मास की अमावस्या को पितृ दोष निवारण के उपायों के लिए सबसे उपयुक्त कहा गया है।

Margashirsha Amavasya 2025: मार्गशीर्ष मास को हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। भगवान श्री कृष्ण का यह सबसे प्रिय मास है और इसी मास से शादी, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्यों की शुरुआत होती है। मार्गशीर्ष मास को अगहन के नाम से भी जाना जाता है। इस महीने में आने वाली अमावस्या की तारीख बहुत पवित्र मानी जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन किए गए स्नान-दान का पुण्य पितरों को भी मिलता है और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इसलिए इस दिन को पितृ दोष निवारण के उपाय करने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। पितृ दोष को कुंडली के सबसे कष्टकारी दोषों में से एक माना जाता है। अगहन मास की अमावस्या को पितृ दोष निवारण के उपायों के लिए सबसे उपयुक्त कहा गया है। इस साल मार्गशीर्ष मास की अमावस्या की 20 नवंबर को होगी। आइए जानें इस दिन के मुहूर्त और इस दिन किए जाने वाले उपयों के बारे में

पितृ दोष के लक्षण

पितृ दोष को कुंडली के सबसे कष्टकारी दोषों में से एक माना जाता है। इससे प्रभावित व्यक्ति और उसके परिवार पर कई तरह की परेशानियां आती हैं और उन्हें आर्थिक कष्ट झेलने पड़ते हैं। ज्योतिष शास्त्र में पितृ दोष को पूर्वजों की असंतुष्टी का संकेत माना जाता है। पितृ दोष होने पर घर-परिवार में कई तरह के लक्षण दिखाई देते हें। ये अगर लंबे समय तक बने रहें, तो इसका निवरण करना जरूरी होता है। पितृ दोष को दूर करने के लिए पितृ तर्पण, दान-पुण्य और पूजा-पाठ करना चाहिए। इसे करने के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या का दिन बहुत उपयुक्त माना जाता है। इस दिन किए गए कर्म पूर्वजों की आत्मा को शांति देते हैं और पितृ दोष का प्रभाव घटाते हैं।

  • घर में बिना किसी कारण के झगड़े, कलह और अशांति बनी रहती है।
  • परिवार के सदस्यों में आपसी मनमुटाव और मानसिक तनाव बढ़ता जाता है।
  • दंपत्तियों को संतान प्राप्ति में कठिनाई होती है या संतान सुख में बाधा आती है।
  • विवाह योग्य युवक-युवतियों के विवाह में अड़चनें आती हैं या सही जीवनसाथी नहीं मिल पाता।
  • कारोबार या नौकरी में बार-बार रुकावटें आती हैं, लगातार नुकसान होता है।
  • परिवार पर आर्थिक संकट हमेशा बना रहता है, धन आते ही किसी न किसी कारण खर्च हो जाता है।
  • सेहत संबंधी समस्याएं लगातार बनी रहती हैं, बार-बार बीमारियां या अचानक दुर्घटनाएं होती हैं।
  • घर में अचानक नकारात्मक घटनाएं या अनहोनी जैसी परिस्थितियां बार-बार सामने आती हैं।

पितृ दोष के उपाय


पितृ दोष शांति के लिए इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय उनसे अपने पितरों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करें। धार्मिक मान्यता है कि पीपल के वृक्ष में पितरों का वास होता है। इसलिए अमावस्या की शाम को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। दीपक जलाने के बाद पीपल के पेड़ की 5 या 7 बार परि क्रमा करें। इसके अलावा दिन में पितरों का श्राद्ध, तर्पण, दान-पुण्य करें और ब्राह्मणों को भोजन कराएं, उन्हें दान-दक्षिणा दें। सुबह गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें, स्नान के बाद तिल, पुष्प और जल अर्पित कर पितरों का पिंडदान करें।

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